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________________ आगम (४२) “दशवैकालिक"- मूलसूत्र-३ (नियुक्ति:+भाष्य +चूर्णि:) अध्ययनं [३], उद्देशक H, मूलं | गाथा: [१७-३१/१७-३१], नियुक्ति : [१८०-२१७/१७८-२१५], भाष्यं [४...] मुनि दीपरत्नसागरेण संकलिता: आगमसूत्र - [४२], मूलसूत्र - [०३] “दशवैकालिक नियुक्ति: एवं जिनदासगणि-रचिता चूर्णि: सूत्राक श्रीदश धर्मकथा चूर्णी ३अध्ययन गाथा ॥१०६॥ ||१७ ३१|| बाईणि सिक्खाए चेत्र पडति, सिक्वत्ति गयं । इदाणि दिवत्तिदारं, जहा कोई कस्सई कामससियं कहं कहेइ जहा मए एवंविधा नारी दिट्ठा जहा णारओ कण्हस्स रूविणीं कहयइ, दित्ति गयं ॥ इदाणि सुयंति, पउमनाभो राया णारयस्स सुणे-टू ऊणं पुबसंगइयं देवमाराहेऊण तस्स परिकहेइ-एचगुणजुत्ता द्रौपदी पंडवेहिं सद्धि कीडति, मुएत्ति गतं ॥ इदाणिं अणुभू-11 येत्ति दारं,जहा तंरगवतीए अप्पणो चरितं कहिय, अणुभूएत्ति गतं । इदाणिं संथवो,सो इमाए गाहाए अणुगंतव्यो-'संद-18 । तपाउ पेम्म पेम्माउ रती रतीउ वासभा । वीसभाओ पणओ पंचविहं बड्डए पेम ॥१॥" संथवो गओ, गया कामकहा। इदाणि धम्मकहा-'धम्मकहाबौद्धब्बा' गाहा(१९५-११०)तत्थ धम्मकहा चउबिहा,तं०-अक्खेवणी विक्खेवणी संवयणी निवे-12 यणी यचि, तत्थ जाए कहाए सोयारो अक्खिप्पड़ सा अक्खेवणी, विविहमनेकप्रकारं क्षिपति या कथा मतिं सा विक्षेपणी,संवेगजगणी संवेदणी,निब्बेयजणणी निव्वेयणी, तत्थ अक्षणी कहा चउबिहा,तक-'आयारे गाहा'(१९६-११०)आयारक्षेवणी बचहार खेवणी पण्णत्तिक्खेवणी दिडिवायक्खेवणी, तत्थ आयारक्खेवणी णाम आयारेण अक्खिवंतिजओ साहुको अण्हाणलोयलद्धावल द्वित्त एवमाईणि परमदुकराणि आयरति अट्ठारसीलंगसहस्सधारिणो भगवंतोत्ति, आयारक्खेवणी कहा गता ॥ श्याणि ववहारक्खेवणी,जाहे सोतारस्स आयारेण अक्खिचा भती भवति ताहे ववहारक्खेवणीकह कहेइ,जहा एवमपि दुरणुचरे आयारे ठियप्पाणो साहुणो जइ कहवि किंचिदणायारमायरंति इयाणि ताहे जहा लोगे अववहारिस्स दंडो कीरइ ताहे तेसिपि पायच्छित्ता दंडो कीरइ, एसा ववहारक्वेवणी, जहा कस्सइ कहिंचि अत्थे संसओ उप्पण्णो तत्थ साहुणा णिध्वियारं महर सउवायं च पण्णवणमग्गं अणुम्मुयंतण पण्णसीवागरणेहिं सोयारो अक्खिवियब्वा पण्णत्तीक्वेवणी कहा गला ॥ इयाणि विहिवायक्खेवणी, जाहे 12 KAE%EKAHANIRAMCHECIACOM दीप अनुक्रम [१७-३१]] [111]
SR No.006205
Book TitleAagam 42 Dashvaikalik Choorni
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2017
Total Pages387
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_dashvaikalik
File Size33 MB
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