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________________ आगम (४०) "आवश्यक- मूलसू अध्ययनं H, मूलं [१] / [गाथा-], नियुक्ति : [९४९-९५१/९४९-९५१], भाष्यं [१५१...] मुनि दीपरत्नसागरेण संकलिता...........आगमसूत्र - [४०], मूलसूत्र - [१] "आवश्यक नियुक्ति: एवं जिनभद्रगणि-रचिता चूर्णि:-1 प्रत दीप अनुक्रम नमस्कार चाणके गोल्लविसए चणिपग्गामो, तत्थ चणिओ माहगो, सो य सापओ, तस्स घरे साधू ठिता, पुत्तो से जातो सह दाढाहिर परिणामिव्याख्या हातेण साधूण पाएसु पाडिओ, तेहि भणित--राया होहितित्ति, तेण चिंतिय-मा दोग्गतिं जाइस्सइत्ति दंता घड्डा, पुणोचि आयरियाणी दिकहितं, तेहि भणितं-किं कज्जतु, एताहेवि विबंतरितो भविस्सतित्ति, उम्मुकबालभावेण चौदस विज्जाठाणाणि आगमियाणि,x.at ।।५६३॥ है। सोवि सावओ संतुठो, एगाओ भद्दमाहणाओ आणिया भज्जा से, अण्णदा कही कोतुए भज्जा से मातिघरं गता, केति भगति भातिविवाहे गता, तीस य भइणी अणेसि खद्धादागियाणं दिल्लिगाओ, ता अलंकितभूसितायो आगताओ, सम्बो परिजगो ताहिं समं लपति, सा एगते अच्छति, तीसे अद्धिती जाता, घरं आगता, अद्धितिलद्धा अच्छति, णिबंधे सिड, तेण चिंतिय-णंदो पाइलिपुत्ते देति तत्थ बच्चामि, गतो, कचियपुणिमाए पुग्धजत्थे आसणे पढमे णिविट्ठो, तं च तस्स साल्लियातस्स राउलस्स | सता ठविज्जति, सिद्धपुत्तो य गंदेण सम तत्व आगतो भगति-एस बंभगों णंदवंसस्स छायं अकमिऊग ठितो, दासीए भणितोद भगवं ! बितिए आसणे णिवसाहित्ति, अस्विति वितिए आसणे कुंडियं ठोति, एवं ततिए दंडग, चउत्थे गणेत्तिय पंचमे जण्यो| वइयं, घिटोत्ति निच्छूढो, पादो पढमा उक्वित्तो, भणति य-कोशन भृत्यैव निबद्धमूलं, पुत्रश्च मित्रैश्च विवृद्धशाखम् । उत्पाव्य | नंदं परिवर्तयामि, हठाद् दुमं वायुरियोग्रवेगः ॥ १॥ णिग्गतो, पुरिसं मग्गति, सुतं च णेर्ण विचंतरितो राया होहामिति, नंदस्स है मोरपोसगा, तेसि गामं गतो परियायलिगणं, तेसि महतरस्स धीताए चंदपीयने डोहलो जातो, सो समुदाणेतो गतो, ताणि तं ५६३॥ पुच्छति, जदि ममं दारगं देह तो णं पाएमि चंद, पडिसुणेति, पडमंडवो कतो, तदिवस पुणिमा, मज्झे छिद, मज्झई गते हा चंदे सब्बरसालूहिं दव्वेहिं संजोएचा आसणे थालं भरित कतं, सद्दाविता, पेक्षति पिपति य, उपरि पुरिसो उच्छाडेति, अब EXECUSSAXY (569)
SR No.006203
Book TitleAagam 40 Aavashyak Choorni 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2017
Total Pages624
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_aavashyak
File Size47 MB
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