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________________ आगम (०१) “आचार" - अंगसूत्र-१ (नियुक्ति:+चूर्णि:) श्रुतस्कंध [१], अध्ययन [६], उद्देशक [५], नियुक्ति: [२५२...], [वृत्ति-अनुसार सूत्रांक १९४-१९६] अबहिर्ले श्यादि ॥२४॥ प्रत वृत्यक [१९४१९६] श्रीआचा- चलति चालयति वा चलो, जीवायो व अट्ठविहं कम्मसंघातं चालेतीति चलो, चालितेनि वा उदीरितेति वा एगट्ठा, अवहिलेस्से रांग पत्र |परिवए दबलेसा सिलेसादि, भावे परिणामो, संजमनिग्गतभावो वहिलेस्सो भवति, अबहिलेस्सोण पहिलेसी, अहवा अप्पसत्थाओ।" चूर्णि | लेस्साओ संजमस्स बाहिं वहंतीतिकाउं सो बहिलिस्सो भवति, नो पहिलेस्सो अबहिलिस्सो अणुलोमेहिं पडिलोमेहिं उपसग्गेहि उप्पण्णेहिं अबहिलिस्सो, अणाइलभावो अणिग्गयभावो, सचिचो अबहिलिस्सोचि एगट्ठा, जेवि ते मामाणुगामं दहजतेणं आय| रिया अणारिया वा धर्म गाहिता तेहिं बंदिजमाणो पूइजमाणो य आढायमानो अणादाइजमाणो वा तत्थ अपहिलिस्से चेव परिFilबतिज, समता वते परिवते, यदुक्तं भवति-ण कत्थति पडिबज्झमाणो, एवं सो अणियतविहारी परीसहउबसग्गसहो संस्खाए। पेसलं धम्म संखाए परिगणित्ता, जं भणितं-णचा, किमिति?-पेसलं धम्म, पीति उप्पाएतीति पेसलो, धम्मो दुविहो-सुयधम्मो | चरितधम्मो य, जो चुनो वुचमाणो वा, दिटिमंति अविवरीतं दरिसणं दिट्ठी सा जस्स अस्थि जहिं वा विज्जति सो दिट्ठिमा, एवं जाव विणयवं परिणिव्युडित्ति विसयकसाएहिं उवसमतो, दवणिव्वुडो अम्गी सीतीभूतो, रागाउवसमाओ य णिवुडगा| जय भवंति, भावे अकसाओ सीतीभूतो परिणिन्बुडो य, तंणिग्गो, परमो वा तणुयकसाओ वा असंजमविवजयओ वाणिवुत्तो, | परिणिव्यापमाणे वा परिणिबचेति वुचति, जो पुण असंखाय पेसलं धम्म मिच्छविट्ठी अपरिणिबुडे भवति, तम्हा संगई पासह | अहवा सन्न एव एसो गिहतराओ आरम्भ दुविहो उपसम्गसहो भिक्खू अक्खाओ धम्मकहलद्धिसंपण्णो, तम्बिवजए तु संगति | पासह, तम्हा इति जहोदिट्ठगुणविवजयाओ सद्दाईणं संगो, दन्वे पंकादि, पंचविहविरजतो वा, तदुवचितं कम्म संगो भवति, | संगोत्ति वा विग्घोत्ति वा वक्खोडित्ति या एगट्ठा, कस्स?-मोक्खस्स, जाणह वा संग-गंथं पासह, यदुक्तं भवति-कम्मं संगर्थते, एवं दीप अनुक्रम [२०७२०९] ॥२४॥ मुनि दीपरत्नसागरेण संकलिता......आगमसूत्र-[०१], अंग सूत्र-[१] "आचार" जिनदासगणि विहिता चूर्णि: [245]
SR No.006201
Book TitleAagam 01 ACHAR Choorni
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2017
Total Pages388
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size30 MB
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