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करके पूज्य श्री की प्रतिभाओं को उलझाने का प्रयत्न किया परन्तु अजब धीरता कुशलता वाले पूज्य श्री ने स्वस्थ मत से तर्कबद्ध सब प्रश्नों का स्पष्टीकरण देकर विरोधो व्यक्तियों को शांत किया।
महीदपुर से मक्षी तीर्थ को यात्रा श्री संघ के साथ करने की इच्छा सेठ मंगल चंद सोनो की विधवा पत्नी श्री जड़ाक बेन के बहुत समय से अपूर्ण रह रही थी। उन्होंने पूज्य श्री की निश्रा में माघ वि, 3 मंगल दिन 700 आराधक भाईबहनों के साथ भव्य सुन्दर जिन मन्दिर रथ तथा विविध मंगल सामग्री के साथ बोच में चार मुकाम करके माघ वि.7 के प्रातःकाल की मंगल वेला में मक्षी तीर्थ में प्रवेश किया।
खूब उल्लास के साथ पूज्य श्री की निश्रा में सकल श्री संघ में दर्शन चैत्यवंदन करके परमात्मा जो अष्टप्रकारी पूजा स्नात्रपूजा तथा पंचकल्याणक पूजा पढ़ा कर बहुत धर्मोंल्लास अनुभव किया। विद 8 प्रातः व्याख्यान में मालारोपण विधि हुई। उसी व्याख्यान में प्रभु पुरुषा दाणीय श्री पार्श्वनाथ परमात्मा के जन्म दीक्षा कल्याणक की आराधाना के निमित्त पौष दशमी की आराधना तीन दिन तक विधिपूर्वक एकासरणा करने की प्रेरणा दी। जिससे 350 की संख्या में अठुम के तपस्वीयों की संध्या के उत्तर पारणों संघवी तरफ से हुए। विद 9,10,11, तोन दिन तक मामुहिक-स्नात्र तथा श्री