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साथ पूरा हुआ । चातुर्मास समाप्ति के लगभग समय में इन्दौर श्री सघ के प्रमुख व्यक्तियों ने उग्रस्वभावी सन्यासी महात्मा के सामने सम्यक सूचकता का प्रयोग कर अपूर्व शासन प्रभावना करने के समाचार जानकर इन्दौर पधारने की प्राग्रह भरी विनती की ।
पूज्य श्री क्षेत्र स्पर्शना के आधार पर आने का विचार करूंगा यों कहकर इन्दौर संघ को राजी किया । चतुर्मास पूरा होने पर संभलिया की तीर्थ यात्रा पर ले जाने का भाव संघ में होने से श्री गणेश मलजी मूथा ने चतुविध श्री संघ के यात्रा करवाने का लाभ खुद को मिले ऐसी मंगल भावना श्री संघ के सामने व्यक्त कर प्रदेश मांगा । पूज्य श्री की सम्मति से श्री सघ ने तिलक कर संघपति के रूप में उनका चहुमान किया ।
का वि. 10 के मंगल दिन सैकड़ों भाई-बहिनों के साथ पूज्य श्री ने सेमलिया जो श्री संव को मंगल प्रस्थान किया । तीसरे दिन प्रात: काल सेमालिया जी पहुंच खूब ठाठ से भावोल्लास के साथ देव दर्शन पूजा महोत्सव, व्याख्यान श्रवण आदि मंगल धर्म क्रियाओं से श्री संघ का प्रत्येक भाई-बहिन ने जीवन की धन्यता अनुभव की । पूज्य श्री वहां से जावरा, आलोट होकर महीदपुर पधारे। वहां त्रिस्तुतिक मत के श्रावकों ने कितने ही विकृत शास्त्र पाठ ध्यान में रखकर चालू व्याख्यानों में प्रश्न
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