________________
पास आये, पूरी बात कही, इसलिए प्राचार्य महाराज ने घोषणा की कि आते कल व्याख्यान में इस सम्बन्ध में शास्त्र पाठ के साथ विस्तार से प्रसारित होगा।
ये समाचार पूज्य श्री को भी मिल गये । पूज्य श्री ने समझू-विवेकी श्रावकों को कागज-पेन्सिल लेकर वहां समझने भेजा। वे कौन-कौन से शास्त्रों अथवा आगमों के पाठों का उल्लेख करते है सो लिख लाना । दूसरे दिन हजारों मनुष्य की खचाखच सभा में प्रा. श्री विजय राजेन्द्र सूरिजी ने आपनी बात प्रकट की जिसके पक्ष में शास्त्र पाठ भी प्रस्तुत किये । पूज्य श्री ने भी सम्पूर्ण रतलाम शहर में श्री सघ से की गई घोषणा साथ दूसरे दिन सम्यग् दृष्टि देवों के सम्बन्ध में शास्त्रीय मान्यताओं के साथ ही धर्म में सहायक रूप में आवश्यक क्रियाओं में आपका स्मरण करना उचित है" यह बात ढेर सारे शास्त्रों के प्रमाणों तथा व्यवहारिक दृष्टान्तों एचं बुद्धिगम्य तर्कों के साथ विवेचना प्रस्तुत की।
श्रोतागण तो इसे सुनकर दंग रह गये । 'वास्तव में सत्य क्या है ? ' गये कल प्रा. श्री राजेन्द्र सूरिजी ने शास्त्रीय पाठपूर्वक आवश्यक-क्रियाओं में की गई सम्यग् दृष्टि देवों की आराधना अशास्त्रीय है।" ऐसा सिद्ध किया आज पूज्य श्री झवेर मागर जी म. ने शास्त्रीय पाठों,. व्यावहारिक दृष्टान्तों तथा तर्को से शासन में चली आ रही
४६