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पूरो कर पू. मुनि श्री गौतम सागर जी म.श्री ने अहमदाबाद तरफ विहार किया । झवेर चन्द ने पु. गुरुदेव के साथ विहार में रहने को भावना को परन्तु ऐसा करने में कार्तिक विद में स्वयं अहमदाबाद पहुँचकर दोक्षा देने में कुटम्बोजन व्यर्थ में महाराज को लड़का भगा ले जाने के आरोप में वातावरण क्षुब्धन हो अतः गुरु प्राज्ञा का अनुसरण कर झवेर चन्द घर पुन: लौट आये अोर कारागृह में रहें कैदी जेसे दिन गिन ऐसे कार्तिक विद दस दिन दस युग के समान बिताये ।
पू. गुरुदेव श्री की सूचना के आधार पर का.वि ११ सोमवार को सूर्योदय के समय मंगलकारी विजय मुहूर्त में सात नवकार गिन कर घर से निकल कर मोटा दहेरासरे स्नान कर श्री मनरंगा पार्श्वनाथ प्रभु तथा श्री सुमतिनाथ प्रभु को वासक्षेप पूजा करके एक बधि माला नवकार महामंत्र की गिन कर अमृत चौघड़ियां में 22 नवकार गणी महेसाणा से प्रस्थान करके योग्य साधन द्वारा का. विद. 13 बुधवार के दुसरे अमृत चौघड़ियो में राजनगर अहमदाबाद में झोरोवाड़ा, सूरजमल सेठ के डेला में बिराजमान पू. श्री गौतम सागर जी म. के चरणों में उमंग भरे पहुँच गये ।
पू. महाराज श्री ने भी चढ़ते उत्साह में संयम भावना से अोतप्रोत बने श्री झवेरचन्द को योग्य आशीर्वाद