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स्थानकवासियों के पूज्य श्री तथा प्रमुख श्रावकों के कानों में ये सब बातें पहूंची अत: जिहवा की खुजली से प्रेरित वितंडावाद में प्रवीण ऐसे उन साधुओं ने खुले में चेलेन्ज रुप घोषणा की कि-"संवेगी साधु हिंसा में धर्म और मूर्ति पूजा शास्त्र से प्रमाणित करने की हिम्मत रखते हों तो हम शास्त्रार्थ करने को तैयार हैं " पूज्य श्री ने श्री सघ के अग्रगण्य श्रावकों को बुलाकर स्थल तथा मध्यस्थ आदि तय करने स्थानकवासी संघ के आगेवान व्यक्यिों के पास भेजा।
स्थानकवासी श्री संघ के अग्रगण्य श्रावकों ने कहा कि ये महाराज तो दिग्गज विद्धान है, इनकी सर्वतोमुखी विद्वत्ता का परिचय हमें पहले क्या नहीं । पहले भी तों चर्चा हुई थी। सार क्या निकला ? फाल्तू की उस झंझट से दूर रहा जाय तो ठोक । अपने श्री संघ के अग्रगम श्रावकों ने कहा कि"बात तो आपकी ठीक है ! कितु संतों को खले में चेलेंज दी है तो एक बार हमारे महाराज का सदेश उन संतों तक पहुंचाना तो चाहिये।' अन्ततः स्थानकवासी प्रमुख श्रावकों को लेकर श्री संघ के प्रमुख भाई स्थानकवासी संतों से मिले। समस्त बात की
"हमारे संवेगी महाराज शास्त्रार्थ द्धारा प्रमाणित करने को तैयार है कि हिंसा में भी धर्म हैं और मूर्तिपूजा शास्त्रसिद्ध हैं । आप जगह और मध्यस्थ का निर्णय करके हमें सूचित
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