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कौन निकालेगा? मेरे आत्म कल्याण के लिये वैसे ही इन चिमन भाई की धर्म पत्नी में उद्यापन करने का शुभ भाव जो जागृत हुअ है उसको सफलता के लिये आप जैसे शास्त्रज्ञगीतार्थ मुनि भागवंत वहां पधारें तो शासन की सानुबन्धप्रभावना हो “आदि ।
पूज्य श्री के क्षेत्र स्पर्शना "वर्तमान यो" कहने के साथ अहमदाबाद में विराजमान पू. गच्छाधिपति श्री मूलचन्द जी की जैसी आज्ञा' कहकर संक्षेप में साधू तथा श्रावक के कर्तव्य की भूमिका समझाई । मगन भाई समझ गये कि"अहमदाबाद से प्राज्ञा लावें तो बात पूर्ण हो जायेगी"। अतः मगन भाई ने श्री संघ के अग्रगण्यों से कान में कहा किअब यहां अधिक कहने जैसा नहीं है। यहां लगभग सम्मति है । हम लोग अहमदाबाद जाकर पू. गच्छाधिपति पास से पत्र लिखवाने को आवश्यकता है । "कपड़वंज के श्री संघ ने ज्ञान पूजा की, वासक्षेप डलवाकर मांगलि श्रवण किया।
इस प्रकार सं. 1940 के चातुर्मास में आसोज विद द्धितीय लगभग पूज्य श्री के कपड़वंज की तरफ जाने का संयोग खड़ा हुमा। कपड़वंज के श्री संघ के आगेवानो दीपावली के पूर्व पूज्य श्री गच्छाधिपति मूलचन्द जी म. के पास जाकर अपनी सारी बात कहकर पू. झवेर सागर जी के उदयपुर से कपड़वंज पधारने की आज्ञा फर्माने की विनती