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प्रौढ़ व्याख्याता तथा शासन प्रभावक हैं । अब श्री संघ में धर्म भावना को अधिक जाज्वल्यमान करने के लिये भी उन श्री की खास जरुरत हैं । वे अपने वहां लगभग पंद्रह वर्ष पूर्व पधारे थे। आज भी धार्मिकों के हृदय से उनकी झनझनाहट खिसकी नहीं है।
इससे यदि तुम्हें ठीक लगे तो हम श्री संघ से बात करके पूज्य श्री को यहां पधारने की बात का संयोग बिठावें।" चिमन भाई ने कहा कि-मगन ! तुम कहो सो सत्रह आना। तुम्हारी बात में विचारने का क्या है ? हम श्री संघ के प्रमुख व्यक्तियों से आज सायंकाल मिलें । तुम साथ प्राओं तो उत्तम ।" मगन भाई के मन में गलगिली हुई कि वाह-वाह मेरा पूण्य उत्तम तप का लगता है । देव गुरुकृपा से मेरे संयम के मार्ग में आने वाले अवरोधों को हटाने के लिए पूज्य श्री की यहां खास आवश्यकता है। तो वैसा संयोग कुदरत से ही खड़ा हो गया है।" इस प्रकार विचारते हुए मगन भाई ने सायंकाल प्रतिक्रमण के पश्चात श्री संघ के अग्रगण्यों को मिलने जाने का चिमन भाई के साथ तय किया।
उस दिन आसोज सुद 13 का दिवस था, श्री संघ के किसी महत्वपूर्ण कार्य के सम्बन्ध में बड़े देरासर जी के वहां
श्री संघ के अग्रगण्य एकत्रित होने वाले थे। अवसर देखकर . मगन भाई भगत तथा चिमन भाई प्रतिक्रमण करके जल्दी
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