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________________ १२२ . जयोदय महाकाव्य का शैलीवैज्ञानिक अनुशीलन यही नहीं, चित्रात्मक वर्णन के रूप में वह कवि कर्म की इतिश्री मान लेते हैं । यदि कवि ने ऐसी वस्तुओं या व्यापारों को अपने शब्द चित्र द्वारा सामने रख दिया जिनसे श्रोता या पाठक के भाव जागृत होते हैं तो वह एक प्रकार से अपना काम कर चुका, यह शुक्लजी की मान्यता है । (वही, पृ० १५५) एक अन्य स्थान पर उन्होंने फिर कहा है कि "जो वस्तु मनुष्यों का आलम्बन या विषय होती है उसका शब्द चित्र किसी कवि ने खींच दिया तो वह एक प्रकार से अपना काम कर चुका (वही, पृ० १२१)। इससे स्पष्ट है कि रसानुभूति कराने में बिम्ब का महत्त्वपूर्ण स्थान है । विभावादि की विम्बात्मकता “जहाँ कवि केवल आलम्बन का वर्णन करता है, वहाँ बिम्ब अवश्य विद्यमान रहता है । कोई रूपक, कोई उपमान, कोई विशेषण वहाँ ऐसा अवश्य रहता है जो वस्तु को चित्रवत् प्रत्यक्ष कर देता है। जैसे "तन्वी श्यामा शिखरिदशना" इत्यादि श्लोक में विशेषणों के माध्यम से यक्षप्रिया (आलम्बन विभाव) का रूप चित्रवत् प्रत्यक्ष हो जाता है।" प्रकृति का आलम्बन के रूप में वर्णन भी सदैव बिम्बात्मक होता है । वहाँ प्रस्तुत और अप्रस्तुत दोनों रूपों में बिम्ब रह सकता है ।"३ उद्दीपन विभाव के अन्तर्गत मुख्यतः देश काल व आलम्बन की चेष्टायें आती हैं । उद्दीपन वर्णन अधिकांशतः बिम्बात्मक होता है। उसके अन्तर्गत रूप, रस, गन्ध आदि के अनेक सुन्दर उद्दीपन चित्र उपस्थित रहते हैं जो भावों का उत्कर्ष करने वाले तो होते ही हैं, चित्रधर्म से भी युक्त रहते हैं । “अनुभाव स्थायि भावों के शरीर और चेष्टाओं में व्यक्त होने वाले बाह्यरूप हैं इसलिए वे सदैव बिम्बात्मक होते हैं । व्यभिचारी भाव जब शारीरिक दशाओं द्वारा व्यक्त होते हैं तब वे भी मूर्त हो जाते हैं ।"६ शुक्ल जी ने बिम्ब को रससामग्री में अनुभव किया था इसीलिये उन्होंने स्पष्ट लिखा है - "विभाव और अनुभाव दोनों में रूपंविधान होता है जिसका कल्पना द्वारा स्पष्टग्रहण १. जायसी की बिम्ब योजना : पृष्ठ १४९ २. वही, पृष्ठ १५३ ३. वही, पृष्ठ १५३ ४. वही, पृष्ठ १५५ ५. वही, पृष्ठ १५५ ६. वही, पृ० १५७
SR No.006193
Book TitleJayoday Mahakavya Ka Shaili Vaigyanik Anushilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAradhana Jain
PublisherGyansagar Vagarth Vimarsh Kendra Byavar
Publication Year1996
Total Pages292
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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