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________________ जयोदय महाकाव्य का शैलीवैज्ञानिक अनुशीलन - - हे मुनिराज ! आप लोग धन्य हैं, क्योंकि आप चारों तरफ से बन्धन में बाँधकर रखने वाले परिग्रह से विरक्त हैं। हम जैसे अबलाओं में आसक्त मनुष्य तो सदा दुःखी रहते हैं। ____ यहाँ कामिनी, रमणी, सुन्दरी आदि शब्दों के स्थान में “अवला" शब्द का प्रयोग अत्यन्त प्रसंगानुकूल है । इससे एक निस्सार वस्तु का अर्थ व्यंजित होता है । निस्सार वस्तु में आसक्त होकर दुःखी रहने वाले लोगों का अधन्य होना युक्तियुक्त है । विशेषणवक्रता जहाँ विशेषण के माहात्म्य से वस्तु या क्रिया की अवस्था-विशेष का बोध हो जिससे उसकी अन्तर्निहित सुन्दरता, कोमलता, या प्रखरता प्रकट होकर रस या भाव की पोषक बन जाय, वहाँ विशेषणवक्रता होती है।' निम्न उदाहरण जयोदयकार के इस कौशल को भली भाँति प्रकट करते हैं :(क) सन्ति गेहिषु च सजना अहा भोगसंसृतिशरीरनिःस्पृहाः । तत्त्ववर्त्मनिरता यतः सुचित्प्रस्तरेषु मणयोऽपि हि क्वचित् ।। २/१२ - प्रसन्नता की बात है कि गृहस्थों में भी कुछ ऐसे सज्जनों का सद्भाव होता है, जिन्हें संसार, शरीर और भोगों की आकांक्षा नहीं होती; क्योंकि वे ज्ञानमार्ग में निरत रहते हैं । कहीं-कहीं पत्थरों में भी रत्न मिल जाते हैं। इस उक्ति में “भोगसंसृतिशरीरनिःस्पृहाः” तथा “तत्त्ववर्त्मनिरताः' विशेषणों के प्रयोग से सज्जनों का भोगनिस्पृह तथा संसारविरक्त स्वरूप प्रकट होता है, जिससे वे शान्तरस के विभाव बन जाते हैं। (ख) मरालमुक्तस्य सरोवरस्य दशां त्वयाऽनायितमा प्रशस्पः । - कश्चिनु देशः सुखिनां मुदे स विशुद्धवृत्तेन सता सुवेश ॥ ३/२४ ॥ - हे मनोहर वेशधारी अतिथिवर ! निर्दोष आचरण करने वाले आप सत्पुरुष ने सुखीजनों को भी आनन्द के हेतुभूत किस देश को हंसविहीन सरोवर की दशा में पहुँचा दिया है ? (अर्थात् आप कहाँ से पधारे हैं ?)। यहाँ “मरालमुक्त'' विशेषण सरोवर की शोभाविहीन दशा को बड़ी चारुता से व्यंजित करता है । इससे उस राजा की मरालसम शोभनकारिता तथा उसके देश को छोड़कर १. विशेषणस्य माहात्म्यात् क्रियायाः कारकस्य वा । यत्रोल्लसति लावण्यं सा विशेषणवक्रता || - वक्रोक्तिजीवित, २/१५
SR No.006193
Book TitleJayoday Mahakavya Ka Shaili Vaigyanik Anushilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAradhana Jain
PublisherGyansagar Vagarth Vimarsh Kendra Byavar
Publication Year1996
Total Pages292
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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