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________________ 382 रचना रचनाकार रचनाकाल सकलतीर्थस्तोत्र सिद्धसेनसूरि वि.सं. 1123 अष्टोत्तरीतीर्थमाला महेन्द्रसूरि वि.सं. 1241 कल्पप्रदीपअपरनाम विविधतीर्थकल्प जिनप्रभसूरि वि.सं. 1389 तीर्थयात्रास्तवन विनयप्रभ उपाध्याय वि.सं. 14वीं शती अष्टोत्तरीतीर्थमाला मुनिप्रभसूरि वि.सं. 15वीं शती तीर्थमाला मेघकृत वि.सं. 16वीं शती पूर्वदेशीयचैत्यपरिपाटी हंससोम वि.सं. 1565 सम्मेतशिखर तीर्थमाला विजयसागर वि.सं. 1717 श्री पार्श्वनाथ नाममाला मेघविजय उपाध्याय वि.सं. 1721 तीर्थमाला शील विजय वि.सं. 1748 तीर्थमाला सौभाग्य विजय वि.सं. 1750 शत्रुजयतीर्थपरिपाटी देवचन्द्र वि.सं. 1769 सूरतचैत्यपरिपाटी घालासाह वि.सं. 1793 तीर्थमाला ज्ञानविमलसूरि वि.सं. 1795 सम्मेतशिखरतीर्थमाला जयविजय गिरनार तीर्थ रत्नसिंहसूरिशिष्य चैत्यपरिपाटी मुनिमहिमा पार्श्वनाथ चैत्यपरिपाटी कल्याणसागर शास्वततीर्थमाला वाचनाचार्य मेरुकीर्ति जैसलमेरचैत्यपरिपाटी जिनसुखसूरि शत्रुजयचैत्यपरिपाटी शत्रुजयतीर्थयात्रारास विनीत कुशल आदिनाथरास कविलावण्यसमय पार्श्वनाथसंख्यास्तवन रत्नकुशल कावीतीर्थवर्णन कविदीप विजय वि.सं. 1886 तीर्थराज चैत्यपरिपाटीस्तवन साधुचन्द्रसूरि पूर्वदेशचैत्यपरिपाटी जिनवर्धनसूरि मंडपांचलचैत्यपरिपाटी खेमराज यह सूची “प्राचीनतीर्थमालासंग्रह" सम्पादक-विजयधर्मसूरिजी के आधार पर दी गई है। टा
SR No.006192
Book TitlePrakrit Ke Prakirnak Sahitya Ki Bhumikaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2016
Total Pages398
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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