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________________ 227 टी॥ (1) (a) पण्णरस दिवसा पण्णत्ता, तंजहा - पडिवादिवसे, वितिआदिवसे (ततिआदिवसे, चउत्थीदिवसे, पंचमीदिवसे, छट्ठोदिवसे, सत्तमीदिवसे, अट्ठमीदिवसे, णवमीदिवसे, दसमोदिवसे, एगारसोदिवसे, बारसीदिवसे, तेरदिवसे, चउद्दसीदिवसे) पण्णरसीदिवसे। (जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति-मुनि मधुकर पृ. 355) (b) पक्खे पडिवा सिटुं, बीया सिट्ठो तीयाइ खेमाय। चउत्थो य धणं खीया, पंचमी सेया असुह छट्ठी॥ सुहदाइया सत्तमि, अट्ठमि वाही नवमि या मिच्चं। दसमि ग्गारिसि लाहो, जीवो संसाइ बारसी या॥ सव्वसुहा तेरसिया, उज्जल अह किण्ह वज्जि चवदिसिया। पुन्निम अमावसिया, गमणं परिहरिय सयकज्जं॥ (ज्योतिषसारः गाथा 7, 8, 9) (2) चाउद्दसि पण्णरसिं वज्जेज्जा अट्ठमिं च नवमि च। छटिं च चउत्थि बारसिं च सेसासु देज्जाहि॥ (विशेषावश्यकभाष्य, गाथा 3407). (3) (a) णंदे भद्दे जए तुच्छे पुण्णे पक्खस्स पंचमी। एवं ते तिगुणा तिहीओ सव्वेसिं दिवसाणंति॥ (जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति - मुनि मधुकर पृ. 355) (b) नन्दा भद्रा जया रिक्ता पूर्णा चेति त्रिरन्विता। हीना मध्योत्तमा शुक्ला कृष्णा तु व्यत्ययातिथिः॥ (आरम्भसिद्धि,पृ. 4) (4) संझागयं रविगयं विड्डेरं सग्गहं विलंबं वा। राहुहयं गहभिण्णं च वज्जए सत्त - नक्खत्ते ॥ (विशेषावश्यकभाष्य, गाथा 3409)
SR No.006192
Book TitlePrakrit Ke Prakirnak Sahitya Ki Bhumikaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2016
Total Pages398
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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