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________________ ये दो महावीर के धर्मचक्र के दो पहिये हैं, जिनके आधार पर धर्मरूपी रथ आगे बढ़ता है। मैं अब आपका अधिक समय नहीं लेना चाहूँगा और अन्त में यही कहना चाहूँगा कि अगर महावीर को समझना है, तो उन्होंने वैयक्तिक जीवन में जो कठोर साधनाएँ की हैं, उनकी ओर देखें। यह देखें कि वासनाओं और विकारों से कैसे लड़ें? यदि सामाजिक जीवन के सन्दर्भ में उनके जीवन को समझना है, तो उनकी वैचारिक उदारता और लोकमंगल की कामना को समझें और जियें। सम्भवतः, तभी हम महावीर को सम्यक् प्रकार से समझ सकेंगे। भगवान् महावीरकी जीवन दृष्टि ईसा पूर्व छठवीं शताब्दी को हम पुनर्जागरण का युग कह सकते हैं। चाहे वह भारत हो या चीन, मिस्त्र हो, रोम हो या ग्रीस- सभी देशों में हमें इस युग में मानवीय चिन्तन एक नया मोड़ लेता हुआ प्रतीत होता है। पुराने जीवन-मूल्यों के आधार पर नये जीवन-मूल्यों की प्रतिष्ठा के प्रयास परिलक्षित होते दिखाई देते हैं। चीन में ताओ और कन्फ्यूशियस, भारत में औपनिषदिक् चिन्तकों के साथ श्रमण परम्परा में अनेक विचारक तथा ग्रीस में पाइथोगोरस और सुकरात आदि सभी प्रबुद्ध विचारक इन्हीं शताब्दियों के आसपास जन्में हैं। जैन परम्परा के अंतिम तीर्थंकर महावीर भी इसी युग की एक विभूति हैं। महावीर की महत्ता एक अन्यतम साधक के रूप में तो लोकविश्रुत है ही, किन्तु इससे भी अधिक महत्वपूर्ण उनकी नवीन जीवनदृष्टि थी, जिसने मानव समाज को एक नयी दिशा प्रदान की। महावीर का जीवन-दर्शन मानवीय मूल्यों और मानव की गरिमा का प्रतिष्ठापक है। महावीर जिस युग में जन्में, उस युग में मानव और मानवीय चेतना को पददलित किया जा रहा था। ईश्वरवाद ने मनुष्य को ईश्वरीय इच्छा का मात्र एक यन्त्र बना दिया था। मनुष्य की वैयक्तिक स्वतन्त्रता और सत्ता से भी इन्कार किया जा रहा था। उसके अस्तित्व की कोई अहमियत नहीं रह गई थी। मात्र यही नहीं, मानव-समाज में भी श्रेष्ठ और कनिष्ठ की भेदरेखा खींचकर केवल कुछ ब्राह्मणों और कुछ संभ्रान्त शासकों ने समग्र मानवता को अपनी इच्छा और वासनापूर्ति का एक साधन बना रखा था। महावीर की महत्ता इसी बात में है कि उन्होंने मानव की खोयी गरिमा को पुनर्स्थापित किया और उसे अहसास कराया
SR No.006187
Book TitleBhagwan Mahavir Ka Jivan Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2016
Total Pages178
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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