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जगजयवंत जीवावला
श्री जीरावला पार्श्वनाथ दादा की स्तुति
जे जीर्ण करता अशुभ भावो क्षणमहीं सह भव्य नां सहु सुरिवरो जस ध्यान थी इच्छित कार्यो साधता ने प्रतिष्ठादिक कार्य जेना नाम मंत्र थी सिद्धता जीरावला प्रभु पार्श्व ने भावे करुं हुं वंदना....
जाप मंत्र..... 1. ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री जीरावला पार्श्वनाथ रक्षां कुरु-कुरु स्वाहा। 2. ॐ ह्रीं श्रीं अहँ श्री जीरावला पार्श्वनाथाय ह्रीं श्रीं नमः। 3. ॐ ह्रीं श्रीं जीरावला पार्श्वनाथाय अट्टे मट्टे दुष्ट विघट्टे नमः स्वाहा।
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