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________________ द्वादशः सर्गः , आचार्य रघुनाथजी की सभा में चाहे महानास्तिकों का नास्तिक विरुद्ध से भी विरुद्ध भाषण भी क्यों न दे दे, उसकी कोई रुकावट नहीं थी। परन्तु स्वामीजी के अनुयायी यदि सत्य बात भी कहते तो रघुनाथजी अपनी भृकुटि तानकर उनको बोलने नहीं देते। ३२. प्रतिज्ञातभिन्नाभिवादान् समीर्य, परान् वन्दयेद् यो मृषासभ्यतार्थी । विजाते नमस्कारमात्रे प्रमादान्, मुनीन्द्रोस्तदा दण्डनीयः स तेन ॥ वे मृषा सभ्यतार्थी अपने सम्प्रदाय से जो भिन्न थे उनको तो नमस्कार आदि करवाने में प्रेरणा करते थे परन्तु मुनि भिक्षु को यदि भूल से भी कोई नमस्कार कर लेता तो वह दण्डनीय माना जाता था। ३३. कलङ्काधिरोहास्तिरस्कारकारा, अनिष्टप्रलापा मुनेः कष्टकाराः । कञ्चित् कृताय कदा वन्दनाय, मृषा दुष्कृतं मे त्विति व्याहराहि ॥ वे अंधभक्त मुनि भिक्षु पर वृथा कलङ्क लगाने वाले, तिरस्कार करने वाले, अंटसंट बोलने वाले और कष्ट देने वाले ही थे । यदि भूल से स्वामीजी को वन्दना कर भी लेते तो 'मिच्छामि दुक्कडं' कहकर प्रायश्चित्त लेते थे। ३४. त एवाभिमान्या समाजाग्रगण्या, हितैषिप्रसिद्धाः सदा शासनस्य । रघोः श्लाघनीयाः मुखश्रुद्विलग्नाः, परिपृच्छनीयाश्चरीकीर्तनीयाः॥ ऐसे अंधभक्त ही समाज में माननीय, मुख्य और शासन के प्रसिद्ध हितैषी कहलाने वाले थे और वे ही रघुनाथजी द्वारा श्लाघनीय, मुंहलगे एवं कानलगे थे । वे ही पृच्छनीय एवं कीर्तनीय थे । ३५. मुने तपार्वे समागत्य सूरिर्वभाषे कुपात्रं त्वदीयोऽद्यसूनुः । अभूधर्मशत्रुर्गुरोविट कृतघ्नो, महाविघ्नभूतो ममोपक्रमेषु ॥ तब रघुनाथजी मुनि भिक्षु की मां के पास आकर बोले-'हे दीपे ! आज तेरा यह पुत्र कुपात्र हो गया है । यह धर्म एवं गुरु का शत्रु और कृतघ्न बन रहा है । यह मेरे उपक्रम में महान विघ्न उपस्थित करनेवाला है।' ३६. ददात्युत्तरं स्पष्टवान्या तदा सा स्मृतावाननीया पुरोक्ता भवद्गीः । सुतस्ते महावीरसिद्धान्तसारे, मृगारातिनारोनुग ति सूक्तम् ॥ तब माता दीपां ने आचार्य रघुनाथजी को स्पष्ट कहा-'गुरुवर्य ! आप अपनी पूर्वोक्त वाणी का स्मरण करें। आपने कहा था, तेरा पुत्र : भगवान महावीर के शासन में सिंह के समान गूंजेगा।'
SR No.006173
Book TitleBhikshu Mahakavyam Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmalmuni, Nagrajmuni, Dulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1998
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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