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________________ पञ्चदशः सर्गः १८३ अनुमोदन से उस क्रिया में सम्मिलित होता है, सहयोगी बनता है। उसे ही सक्रिय और फलभाग हेतु कहा जाता है । जो हेतु इन लक्षणों से रहित होता है वह निष्क्रिय हेतु कहा जाता है । वह फलभाग नहीं होता। १७७. श्रीभिक्षु मुनिहेम एवमवदद् ये शासनानिर्गता, एकीभूय विसारिणो जिनगिरां स्युस्तत् कियच्छोभनम् । स्यादेवं किमु निर्ययुर्मुनिरवक् ते मे हि किं शासनं, योग्याश्चास्खलिताः सुनीतिमुनयः सञ्चालयेयुः समे ॥ मुनि हेमराजजी ने आचार्य भिक्षु से कहा 'भंते ! जो इस शासन से बहिर्भूत होकर पृथग्-पृथग् विहरण कर रहे हैं, वे यदि एक होकर जिनवाणी का विस्तार करें तो कितना अच्छा हो ?' आचार्य भिक्षु बोले-'यदि उन्हें ऐसा करना ही था तो फिर इस संघ से अलग क्यों हुए ? यह शासन न मेरा है और न उनका। यह शासन सबका है। इस शासन का संचालन वे सभी मुनि कर सकते हैं जो योग्य हैं, जिनका आचार-विचार अस्खलित है, जो सुनीतियुक्त हैं। १७८. आयातो भविनः सदेशमभितः श्रीस्वामिनां वा सतां, तान् रुन्धन्ति तदा मुमुक्षुपतिना दृष्टान्त एकोऽपितः। आरामा न विवजिता जिनऋषेः सर्वज्ञपालस्य च, सवेदनदक्षिणोपविपिनं देव्या द्वयोजितम् ॥ १७९. ज्ञात्वतद्गमनाच्च तत्र खलु मे माया महोद्घाटन मेवं क्वापि मतान्तरेषु गमने तेषां निषेधो नहि। किन्तु स्वप्रतिमः परंर्गतभयाः शुद्धानगारोपगान्, रोद्धारो बलतः कथञ्चिदपि नः पोल्लं न विद्युहमी ॥ (युग्मम्) आचार्य भिक्षु तथा उनके आज्ञानुवर्ती मुनियों के पास आने-जाने वाले जिज्ञासु जनों को कुछ लोग व्यक्तिगत स्वार्थ व मत-पक्षपात से प्रेरित होकर रोकने का प्रयत्न करते थे। उन व्यक्तियों को लक्ष्य कर आचार्य भिक्षु ने एक दृष्टान्त कहा- 'जैसे रत्नादेवी ने अपने चंगुल में फंसे हुए जिनऋषि, जिनपाल-दोनों भाइयों को उनका दिल बहलाने के लिए दक्षिण दिशा वाले बाग को छोड़कर तीन दिशाओं के बगीचों में जाने की सहर्ष अनुमति प्रदान की, परन्तु दक्षिण दिशा में भयंकर सांप का भय बतलाकर वहां जाने का निषेध किया। उसका ऐसा करने का एक मात्र यही उद्देश्य था कि यदि ये वहां जायेंगे तो मेरी सारी कपटक्रिया प्रगट हो जाएगी। इसी प्रकार कुछ वेषधारी भिदृ०, ८३।
SR No.006173
Book TitleBhikshu Mahakavyam Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmalmuni, Nagrajmuni, Dulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1998
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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