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________________ • अनूप मण्डल के जैन समाज विरोधी कृत्य जग जाहिर करने का संकल्प राजकुमार सिंह भण्डारी ____B.E., A.M.I.E. सम्पादक दैनिक प्रतिनिधि टी-2 इण्डस्ट्रीयल एस्टेट न्यू पावर हाउस रोड, जोधपुर राजस्थान में आमतौर पर जैन समुदाय एवं जैन साधु-साध्वियां नितान्त शान्त प्रवृत्ति के लोग माने जाते हैं। वर्ष 1994 के दौरान जैन साधु-साध्वियों के पैदल विहार के दौरान कतिपय ग्रामीणों द्वारा पथराव करने, ओगाह छीनने व मारपीट की घटनाओं ने सभी धर्म प्रेमी लोगों को चौंका दिया। जैन ब्रिगेड जोधपुर ने इस मुद्दे की तह तक जाने हेतु एक समिति गठित की। चूंकि जैन साधु-साध्वियों से दुर्व्यवहार व मारपीट की घटनाएं पाली जिले के सुमेरपुर, देसूरी, बाली, सांचोर, बालोतरा व सिरोही की दूरदराज की तहसीलों में आदिवासियों को कतिपय सफेदपोश लोगों द्वारा यह कहकर भड़काया गया कि जैन साधुसाध्वी जिस किसी क्षेत्र में चातुर्मास करते हैं, वहां वर्षा को बांध देते हैं, इन्हीं की वजह से क्षेत्र में अकाल की छाया मंडराती है। वहीं अनूप मण्डल अपने कथित ग्रंथों के माध्यम से जैन समुदाय को कंस की औलाद व जैन अपने बच्चों के लिए अमृत कुंडों का निर्माण कर उन्हें चिरंजीवी बनाने हेतु जादू टोना करते हैं। जैन ब्रिगेड ने समाज के प्रबुद्ध लोगों को जोड़कर जब हम मामले की तह तक गये तो जानकारी मिली कि अनूप मण्डल संस्थान व उनके भाविक जैन साधु-साध्वियों के प्रति गांवों में निरन्तर जहर उगल रहे हैं। इस संस्थान के सिरमोर लोगों ने अशिक्षित आदिवासी वर्ग को भड़काने के साथ 'जगतहिकारिणी' का पाठ व उनके द्वारा मेलों का आयोजन बड़े स्तर पर गांव-गांव में होने लग गये। इसी दौरान सुमेरपुर के जाखोड़ा से 30 किमी. दूर खीवान्दी में जैन साध्वियों का चातुर्मास आयोजित था। उस दौरान वर्षा नहीं होने से उत्तेजित आदिवासी-ग्रामीण ढोल ढमाकों के साथ जैन उपासरा स्थल को घेर कर साध्वियों को बंधक बना लिया। उस समय पाली के सांसद जस्टिस श्री गमानमल लोढा थे उन्हें इस गम्भीर विषय पर हमारे द्वारा सूचित करने पर उन्होंने प्रशासन से सम्पर्क कर वस्तु स्थिति से अवगत कराया। तीन दिन के अथक प्रयासों के बाद जोधपुर से सात लोगों का दल घटना स्थल पर पहुंच प्रशासन की सहायता से साध्वियों को सुरक्षित सुमेरपुर तक लाया। यह घटना जैन समाज के लिये चुनौती थी, जैन ब्रिगेड ने समाज के प्रबुद्धजन श्री जसराज चौपड़ा (पूर्व न्यायाधीश), श्री रंगरूपमल कोठारी (सेवानिवृत्त आई.ए.एस.), राजकुमारसिंह भण्डारी, माणक संचेती, चंचलमल चौरड़िया, कैलाश भंसाली ने एक साथ चिन्तन मनन के बाद भारतीय संस्कृति समन्वय संस्थान का गठन किया तथा सुमेरपुर-शिवगंज के प्रबुद्ध युवा चम्पालाल जैन व सिरोही के सुरेश सुराणा (एडवोकेट) के सहयोग से इस मुद्दे पर जैन समुदाय का प्रथम सम्मेलन जोधपुर के भैरो बाग परिसर में आयोजित किया गया, दूसरा सम्मेलन बामणवाडजी (सिरोही) तथा तीसरा सम्मेलन सिरोही के ही रोहिड़ा व चौथा सम्मेलन नाकोड़ा तीर्थ जो अनूप मण्डल के आतंक से सर्वाधिक प्रभावित स्थलों पर आयोजित कर जैन समाज के प्रबुद्ध व प्रभावी राजनेताओं, अधिकारियों/जजों व धर्म स्थलों के प्रमुखों को एक मंच --17
SR No.006170
Book TitleAnup Mandal Ki Apradhik Karyavahi Ke Viruddh Rajy Sarkar Dwara Jari Adhisuchnaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBharatiya Sanskruti Samanvay Samsthan Jodhpur
PublisherBharatiya Sanskruti Samanvay Samsthan Jodhpur
Publication Year2015
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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