________________
राज्य सरकार द्वारा जारी सन् 1957 की अधिसूचनाएं करीब 57 वर्ष पूर्व जारी होने से एवं 18 जुलाई 1997 को जारी परिपत्र जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, न्यायालय व समाज को उपलब्ध नहीं हो पा रहा जिसकी समय-समय पर आवश्यकता रहती है, उसके बगैर प्रशासन एवं न्यायालय कठिनाई महसूस करते हैं। अधिकारियों के स्थानान्तरण जल्दी-जल्दी होते हैं, नये अधिकारियों को अधिसूचनाएं एवं परिपत्रों की जानकारी देना आवश्यक होता है।
सन् 1957 में जारी अधिसूचनाओं का हिन्दी भाषा में अधिकारिक अनुवाद राजपत्र में अब तक प्रकाशित नहीं हुआ है। यदि राज्य सरकार प्रकाशित करती है तब नये सिरे से यह पुरानी प्रभावी सूचनाएं सभी को उपलब्ध हो सकेगी।
राजस्थान आफिसियल लेंग्वेज एक्ट 1956 की धारा 4(iv) के परन्तुक (Proviso) के प्रावधानों के अनुसार अंग्रेजी भाषा में जारी अधिसूना का हिन्दी भाषा में अधिकारिक अनुवाद प्रकाशित करना काननून आवश्यक (मेनडेटरी) है। राज्य सरकार को जुलाई 1997 से निरन्तर निवेदन किया जा रहा है। मगर राज्य सरकार का सकारात्मक रूख नहीं रहा है।
संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष (संकलनकर्ता) ने दो आवेदन सूचना के अधिकार के अन्तर्गत प्रस्तुत किये हैं। हाल ही में राज्य सरकार ने अधिकारिक हिन्दी अनुवाद कराकर उपलब्ध कराया, मगर राजपत्र में प्रकाशित नहीं किया है। राज्य सरकार को पुनः निवेदन किया जा रहा है। राज्य सरकार के विरुद्ध राजस्थान उच्च न्यायालय में रिट याचिका प्रस्तुत करने पर भी विचार किया जा रहा है।
उपरोक्त वर्णित कारणों से अधिसूचनाएं, राज्य सरकार के आदेश, प्रेस परिषद् के निर्णय, न्यायालयों के निर्णय आदि का संकलन कर प्रकाशित करना समाज एवं धर्म हित में किया जाना आवश्यक समझा गया है। अतएव यह संकलन संस्थान द्वारा प्रकाशित कराया जा रहा है।
__जिला प्रशासन द्वारा अनूप मण्डल को जुलूस व मेला आयोजित करने की अनुमति नहीं दिये ' जाने के विरुद्ध एक जन हित याचिका राजस्थान उच्च न्यायालय की खण्डपीठ द्वारा 10 नवम्बर 1997 को खारिज कर जिला प्रशासन की कार्यवाही को उचित माना।
भारतीय संस्कृति समन्वय संस्थान द्वारा समय-समय पर समाज की जानकारी हेतु परिपत्र जारी किये गये, जिनके उद्धरण इस संकलन में सम्मिलित है। इन परिपत्रों को दैनिक भास्कर दिनांक 27 नवम्बर 1999 के पृष्ठ संख्या 7 पर प्रकाशित कराया गया। गुजरात के 'जिनेन्दु' एवं जयपुर के 'श्री पल्लीवाल जैन पत्रिका (मासिक)' के अप्रेल 2013 के अंक में प्रकाशन हुआ।
संस्थान के अति सक्रिय पदाधिकारी एवं विशेष सहयोगी माननीय पूर्व विधायक श्री लक्ष्मीचंदजी मेहता-सांचोर, श्री चम्पालाल जैन-शिवगंज एवं श्री फूलचंदजी पी. गांधी (मुम्बई शाखा के कार्याध्यक्ष), स्व. श्री छगनलालजी जैन (सेवानिवृत्त आई.ए.एस.)-सचिव का इस अवधि में असामयिक स्वर्गवास हो गया। उनको एवं उनके द्वारा किये गये सहयोग के लिए आभार प्रकट करते हए परम श्रद्धा से स्मरण करते
414