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________________ महामंत्री ने कहा- 'कृपानाथ ! तेलीवाड़ा में जैसे 'गंगु डोसी' प्रख्यात है, वैसे ही नागदमनी नाम वाली एक तेलिन भी प्रख्यात है । वह लड़की इसी नागदमनी की बेटी है। इसका नाम देवदमनी है और यह भी एक विद्याधरी है । ' विक्रम बोले- 'भट्टमात्र ! वह कैसी भी क्यों न हो, उसने जो पंचदंड वाले छत्र की बात कही, वह क्या है ?' भट्टमात्र हंसकर बोला- 'महाराज ! यह लड़की बहुत विचित्र है। इसके कथन को समझना बहुत मुश्किल है।' 'अभी देवदमनी को यहां बुला भेजो। पंचदंड वाले छत्र की बात को जाने बिना मुझे चैन नहीं पड़ेगा ।' विक्रम ने कहा । भट्टमात्र ने मन-ही-मन सोचा - स्त्री, बालक, गुरु और राजा - ये चारों हठीले होते हैं। उसने राजाज्ञा के अनुसार बाहर आकर चार सैनिकों को एक नायक के साथ देवदमनी को बुलाने भेजा । वह नायक चार सैनिकों को साथ लेकर तेलीवाड़ा में नागदमनी तेलिन के घर पहुंच गया। नायक की आवाज सुनकर नागदमनी घर से बाहर निकली और चार सैनिकों के साथ नायक को देखकर अवाक् रह गई । नायक ने कहा- 'तुम्हारी बेटी देवदमनी कहां है ? ' 'क्यों भाई, उससे क्या काम है ?' ‘मालवपति तुम्हारी बेटी को बुला रहे हैं।' नायक ने कहा । 'अरे, क्यों ? बिना अपराध किए ही । यदि राजा इस प्रकार लड़कियों को बुलाता रहेगा तो राज्य में रहेगा कौन ? हमारा कोई दोष नहीं है, अपराध नहीं है। हमने राजा के कार्य में व्यवधान नहीं डाला है, फिर मेरी बेटी को बुलवाया किसलिए ?' नायक बोला-'अरे, नागदमनी बहन ! क्या तुम राजा वीर विक्रम को नहीं पहचानती ? वे किसी नारी पर बुरी नजर नहीं करते। उनका यश देवलोक तक व्याप्त है । बहन ! कोई महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए ही तुम्हारी बेटी को महाराजा ने याद किया है। तुम संशय मत करो। अपनी बेटी को मेरे साथ भेजो। मैं उसे सकुशल यहां पहुंचा दूंगा।' नागदमनी ने कहा- 'भाई नायक ! राजाज्ञा का पालन तो प्रजा को करना ही चाहिए। किन्तु मेरी बेटी अभी नादान है, इसलिए वह बोलने में लापरवाह भी हो सकती है। यदि मैं चलूं तो कोई आपत्ति नहीं है न ?' 'बहन ! तुम चलो ।' नायक ने कहा । तत्काल नागदमनी वस्त्र बदलने घर में गई और कुछ ही क्षणों में वेश बदलकर आ गई। वीर विक्रमादित्य २११
SR No.006163
Book TitleVeer Vikramaditya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Chunilal Dhami, Dulahraj Muni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2010
Total Pages448
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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