SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 8
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ vi:: मूकमाटी-मीमांसा के पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष एवं मूर्धन्य विद्वान आचार्य राममूर्ति त्रिपाठी ने किया है। भारतीय ज्ञानपीठ उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करता है। इस बृहद् ग्रन्थ के प्रबन्ध सम्पादक मंडल का धन्यवाद कि पांडुलिपि तैयार कराने से लेकर उसके प्रकाशन के लिए अपनी प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से सेवाएं प्रदान की। अन्त में परमपूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के श्रीचरणों में हमारा नमन, कि उनके आशीर्वाद से ही यह कार्य सहजरूप से सम्पन्न हुआ। हमने अपनी ओर से प्रयासभर ग्रन्थ की साज-सँभाल और उसके सुन्दर प्रकाशन में तत्परता बरती है। फिर भी इस दिशा में कोई त्रुटि या कमी रह जाती है तो सुविज्ञ पाठक उस ओर हमारा ध्यान आकर्षित करेंगे, ताकि अगली आवृत्ति में उसका यथासम्भव शोधन किया जा सके। __ शुभं भूयात्। -साहू अखिलेश जैन नयी दिल्ली प्रबन्ध न्यासी, भारतीय ज्ञानपीठ 11 जनवरी 2007
SR No.006156
Book TitleMukmati Mimansa Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrabhakar Machve, Rammurti Tripathi
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2007
Total Pages648
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy