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________________ अरिहन्त परमात्मा के किसी एक वचन में सन्देह करें और शेष बातों में वचनों में पूर्ण श्रद्धा करे तो भी उसे मिथ्यात्वी कहा गया है। एक भी जिनवचन में शंका/सन्देह करने से आत्मा के सम्यग्दर्शन गुण का घात होता ___ अरिहन्त परमात्मा की भक्ति का सर्वश्रेष्ठ उपाय उनकी स्थापना का स्वीकार कर उसकी भक्ति करना है। अरिहन्त की मूर्ति अरिहन्त स्वरूप ही है। अरिहन्त की प्रतिमा के दर्शन से अपनी आत्मा का उपयोग भी अरिहन्ताकार बनता है और अरिहन्ताकार उपयोग में लीन बनी आत्मा आर्हत्य स्वरूप का साक्षात् अनुभव करती है। योग के पाँच प्रकार बताए गए हैं - (1) आसन, (2) वर्ण, (3) अर्थ, (4) आलम्बन और (5) निरालम्बन। जिस प्रकार पाँचवीं मंजिल पर जाने के लिए पूर्व की चार मंजिलों को पार करना ही पड़ता है, उसी प्रकार निरालम्बन योग को पाने के लिए प्रथम आसनादि सालम्बन योग की साधना अत्यन्त ही अनिवार्य है। रूपी के आलम्बन बिना अरूपी का ध्यान शक्य नहीं है। सर्वश्रेष्ठ रूपी आलम्बन अरिहन्त परमात्मा का है और उस आलम्वन के लिए अरिहन्त की प्रतिमा ही श्रेष्ठ उपाय है। - सरल व सुलभ अरिहन्त परमात्मा की दिव्य-प्रतिमा के आलम्बन की उपेक्षा कर जो आत्माएँ अरूपी सिद्धों के ध्यान की बातें करती हैं . उनकी ये बातें हवाई किले बनाने के समान सर्वथा निरर्थक ही हैं। आर्हत्य स्वरूप का साक्षात् अनुभव करती है। 'सुज्ञेषु किं बहुना?' युक्ति के अनुसार ज्यादा लिखने का कोई अर्थ नहीं है। पूज्यपाद गुरुदेवश्री ने प्रस्तुत पुस्तक में अरिहन्त के स्वरूप, अरिहन्त-भक्ति, अरिहन्ताकार उपयोग आदि-आदि विषयों पर विस्तृत चर्चाएँ की हैं। अध्यात्मयोगी निःस्पृहशिरोमणि नमस्कार महामंत्र के बेजोड़ आराधक एवं प्रचारक स्व. पूज्य गुरुदेव पंन्यासप्रवर श्री भदंकर विजयजी गणिवर्यश्री ने प्रस्तुत 'प्रतिमा पूजन' पुस्तक का गुजराती भाषा में वि.सं. 1997 में आलेखन किया था। गुर्जर भाषा में यह कृति अत्यन्त ही लोकप्रिय बनी। अनेक आत्माओं के मन में रहे प्रतिमा-विषयक सन्देह दूर हुए. . . अनेक को सन्मार्ग प्राप्त हुआ। गुजराती भाषा में इस पुस्तक की तीन आवृत्तियाँ प्रगट हो चुकी हैं, फिर भी इसकी मांग निरन्तर जारी है।
SR No.006152
Book TitlePratima Poojan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadrankarvijay, Ratnasenvijay
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2004
Total Pages208
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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