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________________ परिशिष्टम् प्रयोगाः भाषार्थः प्रयोगाः भाषार्थः को नमस्कार करेगा तो सुखको प्राप्त इह भुञ्जीत—यहाँ खावे । होगा। इहाऽऽसीत - (इच्छा हो तो) वहाँ बैठिये । कृष्णं नस्यति चेत्सुखं यास्यति-यदि पुत्रमध्यापयेद्भवान्-श्राप मेरे पुत्र को श्रीकृष्ण को नमस्कार करेगा तो सुख पढ़ाइये। को प्राप्त होगा। किं भो ! वेदमधीयीय, उत तर्कम्-क्यों हन्तीति पलायते-(वह) मारता है इसलिये | जी मैं वेद पट्ट्या तर्क ? भागता है। | भो ! भोजनं ! लभेय-अजी ! (क्या ) यजेत--(देवदत्त) यज्ञ करे। . भोजन मिलेगा? इति । अथ कृत्यप्रक्रियाप्रयोगसंग्रहः स० ७७१ सू० ७७७ एधितव्यम्-बढ़ने योग्य है। इत्यः--पास करने योग्य। एधनीयम्-बढ़ना चाहिए । स्तुत्यः-स्तुति करने योग्य । चेतव्यः-सञ्चय करना चाहिए। स० ७७८ चयनीयः-- शिष्यः-शिक्षा देने योग्य। पचेलिमाः-- पकाने योग्य । वृत्यः--वर्तने योग्य । भिदेलिमाः-- भेदन करने योग्य । अाहत्यः--आदरणीय । स० ७७२ जुष्यः-सेवनीय। स्नानीयम्-उवटन। स०७७६ मृज्यः--शोधनीय । दानीयः- दान देने योग्य ब्राह्मण । सू०७८० स० ७७३ कार्यम्-कर्त्तव्य । धेयम्-चुनने योग्य । हार्यम्-हरणीय। स० ७७४ धार्यम्--धारणीय । देयम्-दान देने योग्य । . सू० ७८२ ग्लेयम्-ग्लानि होनी चाहिए। मार्यः-शोधनीय। स०७७५ .. . सू० ७८३ शप्यम्-शाप देने योग्य । भोज्यम्-भक्षणीय पदार्थ । लभ्यम्-लाभ करने योग्य । भोग्यम्-भोगने योग्य -- -
SR No.006148
Book TitleLaghu Siddhant Kaumudi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishvanath Shastri, Nigamanand Shastri, Lakshminarayan Shastri
PublisherMotilal Banrassidas Pvt Ltd
Publication Year1981
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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