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________________ ३७३ धातवः बघुसिद्धान्तकौमुद्याम अदादिगणस्थ धातुपाठः भाषार्थः धातवः भाषार्थः सूत्राङ्का: ५५२ ख्या (प्रकथने)-कहना। अढ़ (भक्षणे)-खाना। | विद (ज्ञाने)-जानना। सूत्राङ्काः ५५८ स० ५७३ हन (हिंसागत्योः)-मारना, चलना। अस (भुवि)-होना (सत्ता)। सू०५६५ सू० ५७७ यु (मिश्रणामिश्रणयोः)--मिलना इण (गतौ)-जाना। अलग होना। स० ५८२ स० ५६६ शीङ (स्वप्ने)-सोना।. या (प्रायणे)-पहुँचना, जाना। सृ०५८४ सू० ५६७ इङ् (अध्ययने)-पढ़ना। बा (गतिगन्धनयोः)-जाना, हिंसा करना स. ५८८ भा (दीप्तौ)-चमकना। ष्णा (शौचे)-स्नान करना, पवित्र होना दुह (प्रपूरगो)-दोहना। आ (पाके)-पकाना। सू० ५६० द्रा (कुत्सायां गता)-निन्दित गमन । | दिह-(उपचये)-बढ़ना-लीपना। प्सा (भक्षणे)--खाना। स. ५१२ रा (दाने)-देना। | लिह--(श्रास्वादने)-चाटना । ला (श्रादाने)-लेना। | ब्रूम-(व्यक्तायां वाचि)-स्फुट बोलना । दाप (लवने)-काटना। सू० ५६८ पा (रक्षणे) रक्षा करना। | ऊणु (अाच्छादने)-टकना। इत्यदादयः॥२॥ जुहोत्यादिगणस्थधातुपाठः भाषार्थः । धातक भाषार्थः सू०६०४ सू०६०६ हु ( दानाऽदनयोः) होम करना, खाना । । ही (लज्जायाम)--लज्जित होना २०६०८ (शरमाना) भिभी (भये) डरना। पू (पालनपूरणयोः)-पालन, पूरा करना । - ram धातवः
SR No.006148
Book TitleLaghu Siddhant Kaumudi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishvanath Shastri, Nigamanand Shastri, Lakshminarayan Shastri
PublisherMotilal Banrassidas Pvt Ltd
Publication Year1981
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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