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________________ परिशिष्टम् प्रयोगाः भाषार्थः प्रयोगाः भाषार्थः ग्रामणीः--मुखिया (नम्बरदार)। खलपू:-मार्जनकारी। नी:-ले जानेवाला। सुलूः-अच्छा काटनेवाला। सुश्रीः-सुन्दर श्रीवाला। स्वभूः-स्वयम्भू । यवक्री:-जौ खरीदनेवाला। वर्षाभूः- मेंढक । स० २०१ स. २११ शुद्धधीः- पवित्र बुद्धि। दृन्भूः-सर्प, वज्र, कपि और सूर्य । सू० २०२ करभूः-हाथ से पैदा हुआ (नख )। सुधी:-पण्डित । धाता-ब्रह्मा। सुखी:-सुख चाहनेवाला। नप्ता-दौहित्र या पौत्र । सुतीः-पुत्र चाहनेवाला! पिता-पिता। शः- महादेव जामाता-जमाई। भानः-- ना-मनुष्य । सू० २०३ __सू० २१३ क्रोष्टा--गीदड़। गौः-गौ। स०२०६ सू. २१५ हूहूः-देवगन्धर्व । रा:-धन। अतिचः-सेना को अतिक्रमण करनेवाला। ग्लौः--चन्द्रमा। इति अजन्तपुल्लिङ्गप्रकरणम् । प्रथाजन्तस्त्रीलिङ्गप्रकरणम् प्रयोगाः भाषार्थः प्रयोगाः भाषार्थः सू० २१६ स०२२१ -रमा-लक्ष्मी उत्तर-पूर्वा-ईशान कोण। स. २१६ द्वितीया-दूसरी। दुर्गा--दुर्गा। तृतीया-तीसरी। अम्बिका-दुर्गा । अम्बा--माता या दुर्गा। सू० २२० अल्ला --, सर्वा-सब ( औषधि )। अक्का -" विश्वा-, जरा-बुढापा।
SR No.006148
Book TitleLaghu Siddhant Kaumudi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishvanath Shastri, Nigamanand Shastri, Lakshminarayan Shastri
PublisherMotilal Banrassidas Pvt Ltd
Publication Year1981
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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