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________________ ( ११ ) सिद्धि और अधिक बढ़ा दी गयी है । परीक्षा में पूछे जाने वाले लगभग सभी रूप इस विशिष्ट रूपसिद्धि के अन्तर्गत आगये हैं । हिन्दी में लिखी गयी ऐतिहासिक भूमिका भी इस संस्करण की एक विशेषता है। अन्य विशेषताएँ तो पूर्वं विदित हैं ही । जैसे ह्रस्व दीर्घप्लुत भेदों का चक्र, श्राभ्यन्तर-बाह्य प्रयत्न चित्र, सन्धि प्रकरण में मूल प्रयोगों के संधिविच्छेद के साथ तत्समान अ य प्रयोगों का संधिविच्छेद पुरःसर प्रदर्शन, विशेष प्रयोगों का साधन प्रकार, खास-खास शब्दों का उच्चारण, सूत्र सम्बन्धी सुभाषतों का उल्लेख, अव्ययों का अर्थ धातुओं के सकर्मकत्व अकर्मकत्व का निर्णय, कर्त्ता कर्म श्रादि के उक्तवानुक्तत्व का विवेक, प्रथम - मध्यम उत्तम पुरुष का विवेक चित्र, परस्मैपद-आत्मनेपद व्यवस्था का चित्र, समस्त धातुत्रों के अनुबन्धों के इत्करण का फल, खास खास धातुओं के उच्चारण, धातुरूपों की सिद्धि, समस्त द्वितीय सूत्रों के अर्थ एवं तत्र तत्र विशेष विषयों का विस्पष्ट विश्लेषण | इसके अतिरिक्त बालकों के लिए परम उपयोगी परिशिष्ट दिया गया है जिसमें लिङ्गज्ञान के लिए लघुलिङ्गानुशासन, व्याकरण, सूत्र, वार्त्तिक आदि के लक्षण मेदोदाहरण, व्याकरण का अनुबन्धचतुष्टय, सन्धिपञ्चत्व प्रतिपादन, लेखोपयोगी नियम और चिह्न, अनुवाद में प्रायः श्रानेवाली अशुद्धियों का प्रदर्शन और संशोधन, अनुवाद में प्रयुक्त करने के लिए सोपसर्ग धातुत्रों के अर्थविशेष का प्रदर्शन, अर्थ सहित धातुपाठ और अर्थ के सहित लघुकोमुदीस्थ समस्त प्रयोग संग्रह सन्निविष्ट है । अन्त में परीक्षा शिक्षासूत्र, प्रश्नोत्तर निदर्शन और १८ साल के प्रश्नपत्र भी लगा दिये हैं जिससे परीक्षार्थी विद्यार्थी को परीक्षा में अपेक्षित समस्त सामग्री पुस्तक में उपलब्ध हो सकेगी एवं व्याकरण विषयक ज्ञान के लिए इतस्ततः भटकना नहीं पड़ेगा । इन अन्तरङ्ग विशेषताओं के अतिरिक्त सूत्र और वृत्ति का पृथक् विन्यास, सुन्दर आकार-प्रकार स्पष्ट अक्षरों में मुद्रण और अपेक्षाकृत अल्प मूल्य में वितरण का भी पूरा ध्यान रखा गया है, इस पुस्तक की विशिष्ट उपयोगिता तो इसी से स्पष्ट है कि कुछ ही वर्षों में इसके छह संस्करण निकल चुके हैं और यह सातवाँ संस्करण श्रयन्त उज्ज्वल रूप में पाठकों की सेवा में समर्पित किया जा रहा है । श्रीसरस्वती संस्कृत महाविद्यालय खन्ना ( लुधयाना ) पंजाब, १७ श्रावण, वैक्रमाब्द २०१५, (१/८/१६५८) भवदीय विश्वनाथ
SR No.006148
Book TitleLaghu Siddhant Kaumudi Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishvanath Shastri, Nigamanand Shastri, Lakshminarayan Shastri
PublisherMotilal Banrassidas Pvt Ltd
Publication Year1981
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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