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________________ पू.गुरुदेवमुनिराजश्री-भुवनविजयान्तेवासीमु. श्री जंबूविजयजीम. संशोधित-संपादित ग्रन्थो ग्रन्थ प्रकाशक द्वादशारनयचक्र भा० १-२-३ जैनआत्मानन्दसभा, भावनगर आचारांगसूत्र मूलमात्र श्री महावीरजैन विद्यालय, मुंबइ-४०००३६ आचारांगसूत्रं सूत्रकृतांगसूत्रं च (सटीक) मोतीलाल बनारसीदास पब्लिशर्स प्रा.लि., दिल्ही-११०००७ ठाणांगसुत्तं समवायांगसुत्तं च (सटीक) मोतीलाल बनारसीदास पब्लिशर्स प्रा.लि., दिल्ही-११०००७ आचारांगसूत्र (शीलांकाचार्यकृतवृत्तियुक्त) श्री सिद्धिभुवनमनोहर जैन ट्रस्ट (प्रथम श्रुतस्कंध के प्रथम चार अध्ययन पर्यंत) अमदावाद सूत्रकृतांगसूत्र मूलमात्र श्री महावीरजैन विद्यालय, मुंबइ स्थानांग तथा समवायांगसूत्र मूलमात्र श्री महावीरजैन विद्यालय, मुंबई ज्ञाताधर्मकथासूत्र मूलमात्र श्री महावीरजैन विद्यालय, मुंबई अनुयोगद्वारसूत्र चूर्णि, हारिभद्री वृत्ति तथा श्री महावीरजैन विद्यालय, मलधारिहेमचन्द्रसूरिविरचितवृत्ति सहित मुंबइ भा० १-२ स्थानाङ्गसूत्र अभयदेवसूरिविरचितवृत्ति सहित श्री महावीरजैन विद्यालय, भा० १-२-३ मुंबई समवायाङ्गसूत्र अभयदेवसूरिविरचितवृत्ति सहित श्री महावीरजैन विद्यालय, मुंबइ द्रव्यालङ्कार स्वोपज्ञटीकासहित लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्यामंदिर, अमदावाद पञ्चसूत्रकम् (हारिभद्री टीकोपेतम) बी.एल. इन्स्टीट्यूट ऑफ इन्डोलोजी, दिल्ही न्यायप्रवेशक हरिभद्रसूरिविरचितवृत्ति तथा श्री सिद्धिभुवनमनोहर जैन ट्रस्ट पार्श्वदेवगणिविरचितपञ्जिका सहित अमदावाद सर्वसिद्धान्तप्रवेशक योगशास्त्र स्वोपज्ञवृत्तिसहित भा० १-२-३ जैन साहित्यविकासमंडल, मुंबई
SR No.006129
Book TitleGuru Vani Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJambuvijay, Jinendraprabashreeji, Vinaysagar
PublisherSiddhi Bhuvan Manohar Jain Trust
Publication Year
Total Pages142
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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