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________________ ४८० ६४४८ 3 < < ३०८ सूत्र संवेदना-५ __ मनुष्यलोक के बाहर तिर्छालोक के चैत्य : चैत्यों का शाश्वत | हर | कुल चैत्यों की एक में प्रतिमाएँ संख्या प्रतिमाएँ २०. मानुषोत्तर पर्वत की ४ दिशाओं में | २१. आठवें नंदीश्वरद्वीप में • गोलाकार पर्वतों में • राजधानी में १९२० २२. ग्यारहवें कुंडलद्वीप में ४९६ २३. तेरहवें रूचकद्वीप में | ४९६ इससे मनुष्यलोक के बाहर तिर्छालोक के ८० |९८४० कुल चैत्य इस प्रकार ति लोक में नीचे दिए गए अनुसार शाश्वत चैत्य हैं। क्षेत्र चैत्य । प्रतिमाएँ १ जंबूद्वीप में अ.भरतादिक्षेत्रों में ३० । ३६०० ब. महाविदेहक्षेत्र में १२४ १४८८० क.देवकुरु और उत्तरकुरु क्षेत्र में ४५६ ५४७२० ड. मेरुपर्वत के ३००० १ जिससे जंबूद्वीप में कुल ६३५ ७६२०० २. धातकी खंड में १२७२ |१,५२,६४० ३. पुष्करवरद्वीप में १२७२ १,५२,६४० जिससे मनुष्यलोक में |३,८१,४८० ४.मनुष्यलोक के बाहर | ९८४० ति लोक में कुल ३२५९ ३,९१,३२० । ३१७९
SR No.006128
Book TitleSutra Samvedana Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrashamitashreeji
PublisherSanmarg Prakashan
Publication Year2015
Total Pages346
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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