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सूत्र संवेदना-५ एकसो अंशी बिंब प्रमाण, सभा-सहित एक चैत्ये जाण, सो कोड बावन कोड संभाल, लाख चोराणुं सहस चौआल ।।६।। सातसे उपर साठ विशाल, सवि बिंब प्रणमुंत्रण काल, सात कोड ने बहोतेर लाख, भवनपतिमां देवल भाख ।।७।। एकसो अॅशी बिंब प्रमाण, एक-एक चैत्ये संख्या जाण, तेरशें कोड नेव्याशी कोड, साठ लाख वंदु करजोड ।।८।। बत्रीसे ने ओगणसाठ, तिर्छालोकमां चैत्यनो पाठ, त्रण लाख एकाणुं हजार, त्रणशे वीश ते बिंब जुहार ।।९।। व्यंतर ज्योतिषीमां वळी जेह, शाश्वता जिन वंदु तेह, ऋषभ चंद्रानन वारिषेण, वर्धमान नामे गुणसेन ।।१०।। समेतशिखर वंदुं जिन वीश, अष्टापद वंदुं चोवीश, विमलाचल ने गढगिरनार, आबु ऊपर जिनवर जुहार ।।११।। शंखेश्वर केसरिओ सार, तारंगे श्री अजित जुहार, अंतरिक्ष (क्ख) वरकाणो पास,
जीराव(ऊ)लो ने थंभण पास ।।१२।। गाम नगर पुर पाटण जेह, जिनवर चैत्य नमुं गुणगेह, विहरमान वंदं जिन वीश, सिद्ध अनंत नमुं निशदिश।।१३।। अढीद्वीपमा जे अणगार, अढार सहस शीलांगना धार, पंचमहाव्रत समिति सार, पाळे पळावे पंचाचार ।।१४।। बाह्य अभ्यंतर तप उजमाल, ते मुनि वंदं गुणमणिमाल, नितनित उठी कीर्ति करूं, जीव कहे भव-सायर तरुं ।।१५।। नोंट : यह स्तवन गुजराती भाषा में होने से उसका संस्कृत भाषा में अनुवाद नहीं
किया गया है। शब्दार्थ विशेषार्थ सभी गाथाओं के साथ ही दिया है।