________________
२२८
१९०
१९३
१८. चार शिक्षाव्रत के अतिचारों का * करण सित्तरी प्रतिक्रमण
* चित्तवृत्ति का संस्करण २३० नौवां व्रत २२. संलेखना व्रत
२३१ गाथा-२७ तिविहे दुप्पणिहाणे० १९३
गाथा-३३ इह-लोए परलोए० २३१ * प्रथम शिक्षा व्रत का स्वरूप १९४
* 'संलेखना' शब्द का अर्थ २३२ * 'सामायिक' शब्द का अर्थ १९४
* चित्तवृत्ति का संस्करण २३६ * प्रथम शिक्षा व्रत सम्बंधी अतिचार १९६
* अंतसमय की तैयारी २३६ * चितवृत्ति का संस्करण १९८
* श्रुत भावना, तप भावना, २३६ १९. दसवाँ व्रत
१९९
सत्त्व भावना, बल भावना २३६ गाथा-२८ आणवणे पेसवणे० १९९
२३. सामान्य से सर्व पापों का प्रतिक्रमण * दूसरे शिक्षा व्रत का स्वरूप २००
गाथा-३४ कारण काइअस्सा० २३८ * 'देशावकाशिक' शब्द का अर्थ २००
* सर्व व्रत के अतिचारों का मन, २३९ * दूसरे शिक्षा व्रत के अतिचार २०१
वचन व काया से प्रतिक्रमण * चित्तवृत्ति का संस्करण २०३
, शुभ-अशुभ क्रियाओं सम्बंधी २०. ग्यारहवाँ व्रत
२०४
अतिचारों का प्रतिक्रमण गाथा-२९ संथारूच्चारविही० २०४
गाथा-३५ वंदण-वय-सिक्खा० २४१ * तीसरे शिक्षा व्रत का स्वरूप २०५
* वंदन क्रिया में लगे दोषों का * 'पौषध' शब्द का अर्थ २०५
प्रतिक्रमण * पौषध के चार प्रकार २०६
* बारह व्रत व छोटे-बड़े * तीसरे शिक्षा व्रत के अतिचार २०९ नियमों सम्बंधी
* चित्तवृत्ति का संस्करण २१२ अतिचारों का प्रतिक्रमण २४२ २१. बारहवाँ व्रत
२१४ * ग्रहण शिक्षा और आ सेवन गाथा-३० सच्चित्ते निक्खिवणे० २१४
शिक्षा विषयक अतिचारों * चौथे शिक्षा व्रत का स्वरूप २१५
का प्रतिक्रमण
२४२ * चौथे शिक्षा व्रत के अतिचार २१८
* तीन प्रकार के गारव के विषय गाथा-३१ सुहिएसु अदुहिएसु अ०२२१
में लगे दोषों का प्रतिक्रमण २४२ * दान के पांच प्रकार २२३
* संज्ञा के चार प्रकार व उससे गाथा-३२ साहूसु संविभागो० २२७
सम्बंधित दोषों का प्रतिक्रमण २४३ * बारहवाँ अतिथि संविभाग व्रत २२७
* चार प्रकार के कषाय व उससे संबंधी अतिचारों का प्रतिक्रमण ।
सम्बंधित दोषों का प्रतिक्रमण २४४
* तीन प्रकार के दंड व उससे * चरण सित्तरी
सम्बंधित दोषों का प्रतिक्रमण २४५
*
२४१
*
*
*
२२८
18