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________________ १६२ १६३ १६५ * * १४८ १७१ १७२ क्रम विषय पृष्ठ नं. क्रम विषय । पृष्ठ नं. * 'बे लाख बेइन्द्रिय' का * 'छटे कोध' का । विशेषार्थ १४७ विशेषार्थ * 'बे लाख तेइन्द्रिय' * 'सातमे मान' का का विशेषार्थ १४७ विशेषार्थ * 'बे लाख चउरिन्द्रिय' * ‘आठमे माया' का का विशेषार्थ १४८ विशेषा * 'चार लाख देवता' * 'नवमे लोभ' का विशेषार्थ १६७ का विशेषार्थ १४८ * ‘दसमे राग' का विशेषार्थ १६८ * 'चार लाख नारकी' * 'अगियारमे द्वेष' का का विशेषार्थ विशेषार्थ १७० * 'चार लाख तिर्यंच * ‘बारमे कलह' का पंचेन्द्रिय' का विशेषार्थ १४८ विशेषार्थ * 'चौदह लाख मनुष्य' * 'तेरमे अभ्याख्यान' का का विशेषार्थ ___१४९ विशेषार्थ * ‘एवंकारे चोराशी लाख... * 'चौदमे पैशुन्य' का मिच्छा मि दुक्कडं' विशेषार्थ का विशेषार्थ १४९ * 'पंदरमे रति-अरति' का ७. अढारह पाप स्थानक सूत्र विशेषार्थ १७४ १५२-१८१ * ‘सोलमे पर-परिवाद' का * सूत्र परिचय १५२ विशेषार्थ १७६ * मूत्र सूत्र * ‘सत्तरमे माया-मृषावाद' का * ‘पहले प्राणातिपात' का विशेषार्थ १७७ विशेषार्थ * 'अढारमे मिथ्यात्व शल्य' * 'बीजे मृषावाद' का विशेषार्थ का विशेषार्थ * 'त्रीजे अदत्तादान' का * ‘ए अढार पाप विशेषार्थ स्थानकमांहि... * 'चौथे मैथुन' का विशेषार्थ १६० मिच्छा मि दुक्कडं' * 'पांचमे परिग्रह' का का विशेषार्थ विशेषार्थ १६१ १७३ १५५ १७८ १७८ १८०
SR No.006126
Book TitleSutra Samvedana Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrashamitashreeji
PublisherSanmarg Prakashan
Publication Year2012
Total Pages202
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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