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________________ जयवीयराय सूत्र (प्रार्थना सूत्र) सूत्र परिचय: इस सूत्र में मोक्षमार्ग के लिए अत्यंत उपयोगी भवनिर्वेद आदि आठ वस्तुओं की भगवान से मांग की गई है, इसलिए इसका दूसरा नाम प्रार्थना सूत्र है । यह प्रार्थना मन की एकाग्रता और दृढ़ निश्चय के साथ करनी होती है, इसलिए इसे प्रणिधान सूत्र भी कहते हैं । यह सूत्र बोलने से पहले इतना ख्याल में होना चाहिए कि, (१) हमें क्या माँगना है ? (२) किससे माँगना है ? और (३) याचक के रूप में हमें कैसा होना चाहिए ? इस सूत्र में जो चीजें माँगनी है, वे संसार रसिकों के लिए व्यर्थ है; परन्तु जिन्हें संमार से छूटने की साधना करनी हो, वैसे अपुनर्बंधकादि जीवों के लिए ही ये चीजें उपयोगी हैं। इसलिए यह सूत्र बोलने से पहले साधक को अपने आप से पूछना चाहिए कि, क्या संसार से जी ऊब गया है ? मुझे मोक्ष अच्छा लगता है ? मुझमें मोक्ष की इच्छा जगी है ? यदि इन तीनों प्रश्नों का जवाब "हां" है, तो ही मैं इस प्रार्थना का अधिकारी हूँ । .. मुझे यह माँग ऐसे-वैसों के पास नहीं करनी है, परन्तु अचिंत्य शक्तियुक्त, परहित में रत, भव से अलिप्त ऐसे अरिहंत परमात्मा के पास
SR No.006125
Book TitleSutra Samvedana Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrashamitashreeji
PublisherSanmarg Prakashan
Publication Year2012
Total Pages362
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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