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________________ पद स्वरूप गुण दृष्टि बोध अभय भुय की निवृत्ति • चित्त की स्वस्थता • भव का निर्वेद • भगवद् बहुमान तत्त्व अद्वेष मित्रा सामान्य बोध किसके जैसा तृणाग्नि के जैसा अन्य मत से धृति चक्षु मार्ग • धर्म की रुचिरूप श्रद्धा मोक्षमार्ग पर गमन धर्म प्रशंसा • चित्त की अवक्रता स्वरसवाहिता • धर्मकरण अभिलाषा मार्ग का दर्शन तत्त्व जिज्ञासा तारा थोड़ा बोध गोबर की अग्नि जैसा श्रद्धा • विशिष्ट गुणों की प्राप्ति करवाए वैसा क्षयोपशम तत्त्व शुश्रूषा बला बलवान बोध काष्ठाग्नि जैसा सुखा शरण उपशम सुख की प्राप्ति बुद्धि के ८ गुणों का विकास • विशिष्ट तत्त्व चिंतन • ग्रंथिभेद तत्त्व श्रवण दीप्रा तीव्र बोध दीपक जैसा विविदिषा बोधि • हेय - उपादेय का पूर्ण विवेक • वेद्य-संवेद्य पद की प्राप्ति सम्यग्प्रकार से तत्त्व का दर्शन आस्तिक्यादि गुणों की प्राप्ति तत्त्व-अभिनिवेश स्थिरा स्थिर बोध रत्न दीपक जैसा विज्ञप्ति १२२ सूत्र संवेदना - २
SR No.006125
Book TitleSutra Samvedana Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrashamitashreeji
PublisherSanmarg Prakashan
Publication Year2012
Total Pages362
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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