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सामायिक लेने की विधि
__सामायिक अर्थात् समभाव को प्राप्त करने का प्रयत्न । यह प्रयत्न विधिपूर्वक की गई सामायिक की प्रतिज्ञा से सफल होता है, क्योंकि अगर शास्त्र में बताई विधि के अनुसार सामायिक की जाए, तो समता का भाव सुंदर रीति से सहजतापूर्वक प्राप्त हो सकता है । इसलिए साधक को सामायिक की शास्त्रोक्त विधि जान लेनी चाहिए ।
सर्वप्रथम सामायिक करनेवाले साधक को इतने मुद्दे ध्यान में रखने चाहिए । १. सामायिक धर्म का अधिकारी कौन है ? २. सामायिक का स्वरूप क्या है ? 3. सामायिक किस विधि से ग्रहण करनी चाहिए ? ४. सामायिक में प्रयोग हुए सूत्रों का अर्थ क्या है ?
सामायिक व्रत को स्वीकार करके सामायिक के दौरान क्या करना
चाहिए ? ६. सामायिक करके हमें क्या पाना है ? ७. सामायिक को किस विधि से पारना चाहिए ?
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