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हाँ ! मूर्तिपूजा शास्त्रोक्त है । में जैन मंदिरो की प्रतिष्ठा कराई।
१५. जैन मंदिर मूर्तियों की सेवा पूजा करनेवाले बीमार अवस्थामें यदि मंदिर नहीं भी जा सकता तो भी उनका परिणाम यह ही रहेगा कि आज में भगवान का दर्शन नहीं कर सका यदि ऐसी हालत में उसका देहान्त भी हो जाय तो उसकी गति अवश्य शुभ होती है । देखा मंदिरो का प्रभाव।
अन्त में श्रीमती शासनदेवी से हमारी यही नम्र प्रार्थना है कि वे हम सबको सद्बुद्धि दे, जिससे पूर्व समय के तुल्य ही हम सब संगठित हो, परम प्रेम के साथ शासन सेवा करने में भाग्यशाली बनें।
शान्ति ! शान्ति ! शान्ति !!!