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समझते हो ।
हाँ! मूर्तिपूजा शास्त्रोक्त है ।
प्रश्न ४७ : भगवान ने तो दान- शील- तप एवं भाव यह चार प्रकार का धर्म बतलाया है। मूर्तिपूजा में कौन सा धर्म है ?
उत्तर : मूर्तिपूजा में पूर्वोक्त चारों प्रकार का धर्म है
जैसे
१. पूजा में अक्षतादि द्रव्य अर्पण किये जाते हैं यह शुभक्षेत्र में द्वान हुआ ।
२. पूजा के समय इन्द्रियों का दमन विषय विकार की शान्ति यह शीलधर्म ।
३. पूजा में नवकारशी पौरसी के प्रत्याख्यान यह तपध्रर्म ।
४. पूजा में वीतरागदेव की भावना गुणस्मरण यह भावँधर्म । एवं पूजा में चारों प्रकार का धर्म होता है ।