SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 73
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ७२ समझते हो । हाँ! मूर्तिपूजा शास्त्रोक्त है । प्रश्न ४७ : भगवान ने तो दान- शील- तप एवं भाव यह चार प्रकार का धर्म बतलाया है। मूर्तिपूजा में कौन सा धर्म है ? उत्तर : मूर्तिपूजा में पूर्वोक्त चारों प्रकार का धर्म है जैसे १. पूजा में अक्षतादि द्रव्य अर्पण किये जाते हैं यह शुभक्षेत्र में द्वान हुआ । २. पूजा के समय इन्द्रियों का दमन विषय विकार की शान्ति यह शीलधर्म । ३. पूजा में नवकारशी पौरसी के प्रत्याख्यान यह तपध्रर्म । ४. पूजा में वीतरागदेव की भावना गुणस्मरण यह भावँधर्म । एवं पूजा में चारों प्रकार का धर्म होता है ।
SR No.006121
Book TitleHaa Murti Pooja Shastrokta Hai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundarmuni
PublisherRatnaprabhakar Gyan Pushpmala
Publication Year2014
Total Pages98
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy