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हाँ ! मूर्तिपूजा शास्त्रोक्त है। प्रश्न ४४ : पांच पदो में मूर्ति किस पद में हैं ?
उत्तर : अरिहंतो को मूर्ति अरिहंत पद में और सिद्धों की मूर्ति सिद्ध पद मैं हैं।
प्रश्न ४५ : चार शरणों में मूर्ति किस शरण में हैं ? उत्तर : मूर्ति अरिहंत और सिद्धों के शरण में हैं।
प्रश्न ४६ : सूत्रों में अरिहंत का शरणा कहां हैं । पर मूर्ति का शरणा नहीं कहा है ?
उत्तर : कहा तो है पर आपको नहीं दीखता हैं । भगवती सूत्र श. ३ उ.१ में अरिहंत, अरिहंतो की मूर्ति और भावितात्मा साधु का शरणा लेना कहा है और आशातना के अधिकार में पुनः अरिहंत और अनगार एवं दो ही कही इससे सिद्ध हुआ कि जो अरिहंतो की मूर्ति की आशातना है वह ही अरिहंतो की आशातना है । आप भी भैरु की स्थापना को पीठ देकर नहीं बैठते हो कारण उसमें भैरु की आशातना