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हाँ ! मूर्तिपूजा शास्त्रोक्त है। और महिमा द्रव्यपूजा कहा है।
इन ३२ सूत्रों के अलावा भी सूत्रों में तथा पूर्वधराचार्यों के ग्रंथो में जिनप्रतिमा का विस्तृत वर्णन है पर आप लोग ३२ सूत्र ही मानते है इसलिये यहां ३२ सूत्रों में ही जिन प्रतिमा का संक्षिप्त से उल्लेख किया है ।
प्रश्न ४३ : इसमें कई सूत्रों के आपने जो नाम लिखे हैं वहां मूल पाठ में नहीं पर टीका नियुक्ति में है वास्ते हम लोग नहीं मानते हैं ? ___ उत्तर : यह ही तो आपकी अज्ञानता है कि स्थविरों के रचे उपांगादि सूत्रों को मानना और पूर्वधरों की रची नियुक्ति टीका नहीं मानना । भला पहले दूसरे सूत्रों के अलावा ३० सूत्रों के मूल पाठ में मूर्तिपूजा का उल्लेख हैं वे तो आपको मान्य हैं ? यदि है तो उसको तो मान लीजिये कि आपका कल्याण हो।