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हाँ ! मूर्तिपूजा शास्त्रोक्त है। प्रश्न १२: प्रतिमा पूजने से ही मोक्ष होती हो ता फिर तप, संयम आदि कष्ट क्रिया की क्या जरुरत है ?
उत्तर : प्रतिमा पूजन मोक्ष का कारण है, इसमें कोई सन्देह नहीं है फिर भी यदि आपका यह दुराग्रह है तो स्वयं बताइये कि तुम दानशील से मोक्ष मानते हो, वह क्यों ? कारण यदि दानशील से ही तुम्हें मोक्ष प्राप्ति हो जाती हे तो फिर दीक्षा लेने का कष्ट क्यों किया जाता है ? परन्तु बन्धुओ ! यह ऐसा नहीं है-यद्यपि दानशील एवं मूर्तिपूजन ये सब मोक्ष के कारण है फिर भी जैसे-गेहूं धान्य बीज रुप गेहूं से
पैदा होता है फिर भी ऋतु, जल, वायु और भूमि की अपेक्षा रखता है वैसे ही ये मूर्ति पूजन आदि भी तप, संयम आदि साधनों की साथ में आवश्यकता रखते हैं । समझे न ?
प्रश्न १३ : यदि मूर्तियां वीतराग की हैं और वीतराग तो त्यागी थे फिर उनकी मूर्तियों को भूषणादि से अलंकृत कर उन्हें भोगी क्यों, बनाया जाता है ?