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हाँ! मूर्तिपूजा शास्त्रोक्त है ।
स्थापना से विशेष ज्ञान हो सकता है । आप पुस्तक पढने की अपेक्षा एक नकशा सामने रखो जिससे आपको तमाम दुनियां का यथार्थ ज्ञान हो जायेगा ।
प्रश्न ९ : आप जिनप्रतिमा को जिन - सारखी कहते हो क्या यह मिथ्या नहीं है ?
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उत्तर : आप ही बतलाइये यदि हम जिनप्रतिमा को जिन - सारखी नहीं कहें तो फिर क्या कहे ? उन्हे किनके सारखी हें । क्योंकि यह आकृति सिवाय जिन के और किसी के सदृश मिलती नहीं जिससे उनकी इन्हें उपमा दें । जनप्रतिमा को जिन - सारखी हम ही नहीं कहते है किन्तु खास सूत्रों के मूल पाठ में भी उन्हें जिन सारखी कहा है, जैसे- जीवाभिगम सूत्र में यह लिखा है कि 'धूवं दाउणं जिनवराणं' अर्थात् धूप, दिया जिनराज को । अब आप विचार करें कि देवताओं के भवनों में जिन - प्रतिमा के सिवाय कौन से जिनराज है ? यदि हम आपके फोटु को