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14. जैन भूगोल अब हम बहुत प्रचारित अपोलो की चन्द्रयात्रा के संबंध में देखें ।
आज प्रचारतंत्र द्वारा सामान्य रूप से हमें बताया जा रहा है कि वैज्ञानिक चन्द्रमा पर पहुँच गये । गहन विचार और चिंतन के अभाव में बहुत से लोग इसे 'ब्रह्मवाक्यं प्रमाणं' जैसा महत्व दे रहे है।
किन्तु यह एक प्रपंच मात्र है । इसके सिवाय कुछ नहीं है ।
सर्वप्रथम इस बात पर विचार करें कि चन्द्रमा पृथ्वी से कितनी दूरी पर है इस संबंध में वैज्ञानिक एकमत नहीं है, तब चन्द्रयात्रा के संबंध में इतने अधिक प्रचार के पीछे किसी षडयंत्र की गंध आती है।
स्वयं रशिया एवं अमेरिका में पृथ्वी से चन्द्र की दूरी 7 लाख, 13 लाख और, 22 लाख मील मानने वाले वैज्ञानिक हैं । इसी प्रकार फ्रांस और जर्मनी में पृथ्वी तथा चन्द्र के अंतर को 5 लाख, 13 लाख और, 21 लाख मील मानने वाले वैज्ञानिक हैं।
अमेरिका की आर्मी सिग्नल कोर के वैज्ञानिकों ने सन् 1946 में चन्द्रमा पर भेजे गये प्रकाश के परावर्तन की रडार तथा अन्य यंत्रो द्वारा गणना की गई तब समय 2.5 सेकेन्ड आया,
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