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________________ चंदन घिसने की विधि * चंदन अपने स्वयं के हाथ से ही घिसना चाहिये। * मुखकोश बांधकर ही चंदन घिसना चाहिये । * घीसे हुए चंदन से थोडा भाग हाथ में लेकर अपनी ललाट पर तिलक करें। तिलक करने की विधि * पुरुष ज्योति आकार में एवं स्त्रियाँ गोल तिलक करें। * प्रभु की दृष्टि नहीं पडे ऐसे स्थान पर पद्मासन में बैठकर तिलक करें। * प्रभु आज्ञा का पालना के कारण से ही कही कही पर प्रभु के समक्ष भी तिलक करना देखा जाता है। दर्पण का उपयोग तैयार होने के लिये नहीं करें। * ''मैं भगवान की आज्ञा शिरोधार्य करता हूँ' इस भावना के साथ तिलक करें। पक्षाल तैयार करने की विधि * दूध पर्याप्त मात्रा में मिलायें। * पक्षाल पंचामृत - पानी, शक्कर, दही, दूध, घी को मिलाकर बनायें। * पक्षाल से भरे बर्तन को ढक कर रखें। प्रश्न : पूजा की सामग्री तैयार करते समय किस बात का ध्यान रखना चाहिए? उत्तरः * खाली थाली, कटोरी, अपने दोनों हाथ, पूजा का रुमाल वगैरह उपकरण धूपाना चाहिए। लेकिन के सर या फूल को धूपाने की जरुरत नहीं है। * सर्व प्रथम मंदिर में, प्रदक्षिणा में, केसर आदि घिसने के स्थान पर, वगैरह सर्व स्थान पर खूब जयणा से वासी काजा निकालें, बाल्टी वगैरह को पूंजणी से पूंजकर उसमें पक्षाल का पानी वगैरह भरें। * पानी भी बरसात का या कूएँ का, छानकर भरें एवँ जीवाणी का जतन करें। केसर घिसते समय केसर की डिब्बी को गीले हाथ से स्पर्श न करे । गीलेपन से केसर में उसी वर्णवाले सूक्ष्म जीव उत्पन्न हो जाते है एवं उपयोग न रहने पर केसर के साथ उन जीवों का भी कच्चरघाण हो जाता है। 15
SR No.006120
Book TitleJain Tattva Darshan Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVardhaman Jain Mandal Chennai
PublisherVardhaman Jain Mandal Chennai
Publication Year
Total Pages120
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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