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________________ 1. 2. 3. सूत्र (ORAL) अर्थ (WRI.) काव्य (ORAL) 4. पच्चक्खाण (ORAL) 5. विधि (WRI) 6. प्रश्नोत्तरी (ORAL) प्रश्न 1 :- सही जोडी बनाईए 10. (ए) जय वीराय नथु काउस्सम्म सुदर्शनपुर पाटलीपुत्र रत्नजड़ित ढंढणकुमार रत्नचुराना श्मशान स्वप्न स्वाध्याय बाह्य तप से भी भद्दिल ग्राम में हरिश्चंद्र राजा ने : श्रीकांत राजा ने भगवान के पिता ज्ञान पंचमी तीर्थ की 17. प्रश्नोत्तरी नवकार से सात लाख तक : नवकार मंत्र प्रार्थना - चत्तारि मंगलं एवं प्रभु स्तुतियाँ अष्टप्रकारी पूजा के दोहे एवं नवांगी पूजा के दोहे | चैत्यवंदन - श्री सीमंधर स्वामी एवं शत्रुंजय तीर्थ का चैत्यवंदन स्तवन श्री सीमंधर स्वामी एवं शत्रुंजय तीर्थ का स्तवन स्तुति - श्री सीमंधर स्वामी एवं शत्रुंजय तीर्थ की स्तुति नवकारसी। : : गुरुवंदन, सामायिक, चैत्यवंदन। : प्रश्न - 2 :- खाली जगह पूर्ण कीजिए 1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8. 9. (बी) जिन मुद्रा मुक्ताशक्ति मुद्रा योग मुद्रा कोषावेश्या मदनरेखा फुलमाला हरिश्चंद्र देवकी किसान लक्ष्मीवती "भूख से कम खाना" कहलाता है। प्रकार के है। . का फल कई गुणा ज्यादा है। सेठ रहते थे। . के घर पर काम किया था। की निर्मल गंगा में स्नान करके शुद्ध और भार रहित हो जाना चाहिए। न ली। स्वप्न देखते है। को आती है। से बचना चाहिए। 109
SR No.006120
Book TitleJain Tattva Darshan Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVardhaman Jain Mandal Chennai
PublisherVardhaman Jain Mandal Chennai
Publication Year
Total Pages120
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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