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(16) कहानी विभाग
A. श्री अईमुत्ता मुनि The Boy - Ascetic ATIMUKTAK
राजगृही नगर में गौतम स्वामी गोचरी के लिए निकलते हैं। खेलते हुए बालक अईमुत्ता ने मुनि को देखा और बाल भाव से मुनि को पूछा कि ऐसी तेज दोपहर में नंगे पाँव क्यों घूम रहे हो ? गौतम स्वामी कुमार अईमुत्ता को समझाते हैं, हम शुद्ध, दूषण बिना की भिक्षा, घर-घर से लेते हैं। हमारे आचार अनुसार, पाँव में जूते पहिनते नहीं हैं तथा गाड़ी वगैरह में बैठकर कहीं भी आते जाते नहीं है।
One day, some children were playing at a place in the city of Rajgrihi. Just then, Muni Gautam Swami, a great ascetic happened to pass by that place. A bright boy by name Atimuktak approached Gautam Swami and said "Maharaj! You are travelling barefoot in this hot sun. How amazing!" Gautam Swami explained to the boy principles relating to Sadhu Dharma. He also told the boy that the Jain sadhus always walk barefoot and they do not use any Vehicle for travelling.
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