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________________ श्री आदिनाथ जैन श्वे. संघ बेंगलोर के अंतर्गत || चल रही संस्थाएँ १. श्री आदिनाथ जैन श्वेताम्बर मंदिर नगर का मुख्य मंदिर, श्री आदिनाथ भगवान की परम श्रद्धेय, चमत्कारी प्राचीन प्रतिमा । २. श्री संभवनाथ जैन श्वेताम्बर मंदिर नगर का सबसे विशाल शिखर बद्ध, संगमरमर का जिन प्रासाद, शांतवातावरण । ३. श्री विजय लब्धि सूरि जैन धार्मिक पाठशाला संपूर्ण भारत में प्रथम स्थान प्राप्त, करीब १३०० की संख्या, अभ्यासको के लिए अनेक आकर्षक योजनाएँ। १०. श्री कपूरचंद राजमलजी जैन धर्मशाला जैनों के लिए जैन धर्मानुसार, मर्यादित समय रहने की व्यवस्था, कमरे व हाँल । ११. श्रा आदिनाथ जैन श्वेताम्बर भोजनशाला जैन धर्मानुसारी, शुद्ध सात्विक भोजन की व्यवस्था । १२. श्री आदिनाथ सेवा फंड स्थानिक साधर्मिक भाई बहनों को तात्कालिक मासिक या व्यापार निमित • ऋण के तौर पर सहायता द्वारा भक्ति । ४. श्री विजय लब्धिसूरि जैन धार्मिक बाल मंदिर शाम को ४ से ६ बजे तक ४ से ८ साल के बच्चों को मुंह जबान धार्मिक शिक्षण । १३. श्री विजय लब्धिसूरि जैन हिन्दी पाठशाला १ से १० कक्षा तक हिन्दी माध्यम से व्यवहारिक शिक्षण । ५. श्री विजय लब्धिसरि जैन संगीत मंडल बालकों एवं युवानो के लिए रात को ८ से ९ बजे तक संगीत शिक्षण । १४. भंडारी भबुतमल उमेदमल लब्धिसूरि जैन वियालय सेन्ट्रल बोर्ड मान्यता प्राप्त अंग्रेजी मिडियम व्यवहारिक शिक्षण । ६. श्री विजय लब्धिसूरि जैन संगीत महिलामंडल प्रति शनिवार एवं रविवार को दोपहर में महिलाओं के लिए संगीत शिक्षण । ७. श्री विजय लब्धिसूरि जैन संगीत बालिका मंडल बालिकाओं के लिए शायं ६ से ७ बजे तक संगीत शिक्षण । १५. श्री आदिनाथ जैन सेवा मंडल धार्मिक कार्यक्रमों में सेवा द्वारा सहयोग । १६. श्री स्थुलभद्रसूरीश्वरजी जैन साधर्मिक सेवा केन्द्र । साधर्मिक बन्धुओंको कम दाम पर राशन आदि सामग्री वितरण । १७. श्री लब्धि श्रमण विहार योजना बेंगलोर से निपाणी तक २६ उपाश्रय निर्माण । ८. श्री आत्म कमल लब्धि-लक्ष्मणसूरि जैन ज्ञानमंदिर ४५ आगम अनेक ताडपत्रीय एवं अनेक मुद्रित ग्रंथों का संग्रह । १८. श्री आदिनाथ जैन तत्त्व प्रशिक्षण केन्द्र अध्यापक तैयार करनेवाली संस्था । ९. श्री वर्धमान तप आयंबिल खाता आयंबिल, गरम पानी तथा तपस्वी पारणों की। समुचित व्यवस्था । १९. भंडारी भबुतमल चम्पकलाल जैन हाइस्कुल विशेसतोरपर अपनी कन्याओं के लिए अंग्रेजी मीडयम व्यवहारिक शिक्षण ।
SR No.006034
Book TitleDharm Sangrahani Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAjitshekharsuri
PublisherAdinath Jain Shwetambar Jain Mandir Trust
Publication Year1996
Total Pages392
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size16 MB
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