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* सिद्धों का स्वरूप णिक्कम्मा अट्ठगुणा किंचूणा चरमदेहदो सिद्धा। लोयग्गठिदा णिचा उप्पादवएहि संजुत्ता ॥ १४ ॥ निष्कर्माणः अष्टगुणाः किञ्चिदूनाः चरमदेहतः सिद्धाः ।, लोकाग्रस्थिताः नित्याः उत्पादव्ययाभ्यां संयुक्ताः ।। १४ ।। अष्ट-कर्म से रहित हुये हैं अष्ट-गुणों से सहित हुये, अन्तिम. तन से कुछ कम आकृति ले अपने में निहित हुये। तीन-लोक के अग्र-माग पर सहज-रूप से निवस रहें, उदय-नाश-ध्रुव स्वभाव युत हो शुद्ध-'सिद्ध' हो दिवस रहें ॥ १४ ॥
[णिकम्मा) नाव२४ महिमा भाषा हित [अट्ठगुणा] सभ्यत्वाहि माथी सहित चरमदेहदो] अन्तिम शरीरथी (किंचूणा] 38 न्यून णिच्चा नित्य [उप्पादवएहिं] 64 भने व्यथा [संजुत्ता] संयुक्त लोयग्गठिदा] बोsi MAHIT स्थित सिद्धा] सिद्ध
* अजीवद्रव्यों के नाम और उनके मूर्तिक
अमूर्तिकपने का वर्णन . . अजीयो पुण णेओ पुग्गलधम्मो अधम्म आया । कालो पुग्गत मुत्तो स्वादिगुणो अमुत्ति सेसा हु॥ १५ ॥ अजीवः पुनः ज्ञेयः पुद्गलः धर्मः अधर्मः आकाशम् । कालः पुद्गलः मूर्तः रूपादिगुणः अमूर्ताः शेषाः तु ॥ १५ ॥ पुद्गल-अधर्म-धर्म-काल-नम-पाँच-द्रव्य इन को मानो, चेतनता से दूर रहें ये 'अजीव ता पहिचानो। रूपादिक गुण धारण करता मूर्त-द्रव्य 'पुद्गल' नाना, 'शेष द्रव्य हैं अमूर्त, क्यों फिर मूर्तों पर मन मचलाना ? ॥ १५ ॥
[पुण] पुग्गल] पुल [धम्मो ध[अधम्म भवन (आयास) भश भने - [कालो] ग भेने [अञ्जीवो] 24 [णेओ] Me4l, [रूवादिगुणो] ३ असोधी युति [पुग्गल] पाल [मुत्तो भूति छ [सेसा दु] भने austri यो [अमुत्ति] भभूति छ.
पुद्गल, धर्म, अधर्म, आकाश और काल ये अजीव द्रव्य जानने चाहिये ! 'इनमें रूप आदि गुणों का धारक पुद्गल तो मूर्तिमान है और शेष चारों द्रव्य अमूर्तिक हैं ।। १५ ॥
Again Ajivas should be known to be Pudgala', Dharma , Adharma', Akasa' and Kala'. Pudgala has form and the qualities dolour, smell..etc. and the rest are without form.
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जो ज्ञानावरणादि आठ कर्मों से रहित हैं, सम्यक्त्व आदि आठ गुणों के धारक हैं और अन्तिम शरीर से कुछ कम आकारवाले हैं, वे सिद्ध हैं और ऊर्ध्वगमन स्वभाव के कारण लोक के अग्रभाग में स्थित हैं, नित्य हैं तथा उत्पाद, व्यय से युक्त हैं ।। १४ ॥
The siddhas' are free from the bondage of all Karmas, possessed of eight qualities, slightly less than the final body, eternal, possessed of utpada' and vyaya' and permanently existent at the summit of loka.
1. Liberated souls. 2. Origination or generation. 3. destruction.
4. The part of Space where all six substances exist.
1. Matter with nature of formation of deformation. 2. The
principle or fulcrum of motion. 3. The principle of stationariness or the fulcrum of rest..4. Space..5. Time...