SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 20
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ मनन करवाथी संसारमा परिताप पामेल आत्माने शांति प्राप्त थाय छे. __ आ प्रमाणे धर्मध्यानमां तत्पर एवा ते पद्मसेन मुनि आयुष्यनो क्षय थतां मृत्यु पामी सहस्रार देवलोकमां देवरूपे उत्पन्न थया. आ पद्मसेन मुनि तेज के आ चरित्रमा जेनुं वर्णन करेल छे, ते देवाधिदेव तेरमा तीर्थंकर भगवान आ चरित्रनायक श्री विमलनाथ प्रभुनो आगलो त्रीजो भव छे के जेमणे मुनिधर्ममां वीस स्थानकनुं आराधन करी तीर्थंकर नामकर्म उपार्जन कयु. ते महान पुरुषे ते देवलोकमां देवता सुख भोगवी आयुष्य पूर्ण करी श्री तीर्थंकर प्रभु तरीके जन्म ले छे ते हवे पछी चोथा सर्गमां कहेवामां आवे छे. चतुर्थ सर्ग श्री विमलनाथ प्रभुना जन्म, दीक्षा अने केवळ्ज्ञान वर्णन ___ पाना नंबर २१९ थी २८९ आ सर्गमां विमलनाथ प्रभु, च्यवन, जन्म, दीक्षा अने केवळज्ञान ए चार कल्याणकोनुं वर्णन आपवामां आवे छे. जंबूद्वीपमां आवेला भरतक्षेत्रमा कांपिल्यपुर नगरमां कृतवर्म राजा छे, जेने श्यामा नामे राणी छे. हवे पद्मसेन राजानो जीव सहस्रार देवलोकमां देवसुख भोगवी वैशाख मासनी शुक्ल बारसना दिवसे चंद्र उत्तराषाढा नक्षत्रमा आवतां त्यांथी च्यवीने राणीनी कुक्षिमां त्रज्ञान सहित अवतर्यो. राणी चौद सपना जुवे छे अने इंद्रो स्वर्गमांथी त्यां आवी प्रभनी स्तुति करी माताने चौद सपनानु फळ उंच स्वरे जणावे छे. त्यारबाद आठ मासने एकवीस दिवसो व्यतीत थतां माघमासनी शुक्ल तृतियाना दिवसे चंद्र उत्तराभाद्रपद नक्षत्रमा आवतां श्यामा माताए वराहना चिह्नवाळा सुवर्णनी जेवी कान्ति धरनारा पुत्रने जन्म आप्यो. (श्री विमलनाथ प्रभु जनम्या). आसन कंपथी प्रभुनो जन्म थयो जाणी छप्पन दिग्कुमारिकोओ वैमानिक देवो, तेना इंद्रो तथा भवनपति अने व्यंतरादि देवो अने तेना इंद्रोए प्रभुनो जन्म महोत्सव अने जन्माभिषेक भावना अने भक्तिपूर्वक करी पोतपोताना स्थानोमां जाय छे. त्यारबाद प्रातःकाळमां प्रभुनी माता सुंदर पुत्रने जोई खुशी थाय छे पिताने वधामणी पहोंचे छे. प्रभुना पिता पण जन्म महोत्सव करी पुत्रनुं नाम विमलकुमार पाडे छे. अनुक्रमे यौवन वयने प्राप्त करे छे त्यारे पिता कृतवर्मराजा पुत्रनो उत्सवपूर्वक राज्याभिषेक करी राज्यगादी सोंपी, पोते चारित्र ले छे. उत्तम रीते विमलनाथ प्रभु राज्य पालन करे छे. दरम्यान प्रभुने महाभाग्य पुत्र प्राप्त थाय छे. तेनुं नाम अरिमर्दन पाडवामां
SR No.005931
Book TitleVimalnath Prabhunu Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayanandvijay
PublisherGuru Ramchandra Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages378
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy