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पटहः- आ. पडहो- पडे। (पडद्यभ) पटोल - ५२वण ('ड्'नो '२' ४ ) - | तट - त
भरा० पडवळ
मुकुट - भ13 (भ33) ́eniz (enìzafa, exz_u1g)-13(g) त्रोट ( त्रोटयति, त्रुट् ) - तोड (वुं) रट ( रटति, रटू ) - 23 (9) Rif2-(1518)213
कटु-83
શબ્દસિદ્ધિ
पत (पत् - 43 ) - 43 (g) प्रतिघातः- पडद्या
प्रतिवेशी - पडे।सी
वापी-पाव
कूपः - दुवे
ताप-ताव
कटक (म्) -33.
खट-पड
खटी-मडी
'त'ना भूर्धन्य 'द' धर्म '
जामाता - डि.भी दामाद स्फुरत् (स्फुरने। वर्त०
० ) - प्रा. फुरन्दो - ३२- हो; भश० करीन्दो
'यू'नो 'वू',
कुक्कुट :- 33
बटुकः - अडवा (मडुमो)
| anfear-9151
वीटिका - मीडी
कच्छटिका - प्रा. कच्छाडी - छडी
प्रतिच्छाया - पडछाये।
बिभीतकम् - २५५. बहेडउं- मेडडु (ड) | प्रतिशाला -45 ( २ ) साज
कौतुक - 313
हरीतकी - प्रा. हरडई - 62 डे मृतकम्-अय. मडउँ—भ3 (हु) उत्खात (उद् + खन्- 1 () - मेड(i)-@413(g)
प्रतिपृच्छा५५७ प्रतिपद्-पडवे
'त'नो '६'-'धू'
૩૫૩
कत ( कम ) - २५५० कीदउं - धु पीत (कम् ) - ५५० पीदउं - धाधुं
तुन्द-हु
अवथित 'भू'
कपाट - प्रा. कवाड - 3भाउ
प्राप (प्र+आप् भेजवं ) - पाभ (j);
आ. पाव
शिंशप - प्रा. सिंसव - सिसभ
गोपाल-गोवाण
कच्छपः-५यये। (व् ने बू ५२२५२ | दीप:- हीवे
हसाय छे.)
मण्डप :- भवे