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૧૨૯ સ્થાની નિમિત| કાર્ય | સત્રનંબર | સત્ર ऋ+ उ ऋउ |१-२-२२ । ह्रस्वोऽपदेवा। ऋ३ + उ | ऋ३उ १-२-३२ प्लुतोऽनितौ। ऋ + उ ऋउ १-२-36 चादिः स्वरोऽनाङ्। ऋ +ऊ रू |१-२-२१ इवर्णादेरस्वेस्वरेयवरलम् । ऋ + ऊ ऋऊ |१-२-२२ ह्रस्वोऽपदेवा। ऋ३ +ऊ ऋ३ ऊ १-२-३२ प्लुतोऽनितौ। ऋ + ऊ ऋऊ |१-२-३६ चादिःस्वरोऽनाङ्। ऋ+ ऋ
१-२-१ समानानां तेन दीर्घः। ऋ + ऋ ऋऋ १-२-२ ऋ लुति ह्रस्वो वा। ऋ३ + ऋ | ऋ३ ऋ |१-२-३२ प्लुतोऽनित। ऋ +ऋ ऋऋ १-२-३६ | चादिःस्वरोऽनाइ। ऋ+ ऋ ऋ १-२-१ समानानां तेन दीर्घः। ऋ३ + ऋ | ऋ३ ऋ|१-२-३२ प्लुतोऽनितौ। ऋ + ऋ ऋऋ १-२-३६ चादिः स्वरोऽनाङ्।
ऋ+ लृ लु १-२-२१ इवर्णादेरस्वेस्वरेयवरलम् । • ऋ +लु | ऋ लु |१-२-२
। | ऋलुति ह्रस्वो वा। ऋ + लृ . | ऋ लु १-२-२२ ह्रस्वोऽपदेवा। ऋ३ + लृ | ऋ३ लु १-२-३२ प्लुतोऽनितौ। ऋ + लृ | ऋलु १-२-३६ चादिःस्वरोऽनाङ्। ऋ +लु.
१-२-२१ इवर्णादेरस्वेस्वरेयवरलम्। ऋ+लू ऋल | १-२-२२ ह्रस्वोऽपदेवा।
| ऋ३लू |१-२-३२ प्लुतोऽनितौ। ऋ + लू ऋलू । |१-२-36 चादिः स्वरोऽनाङ्।
१-२-२१ इवर्णादेरस्वेस्वरेयवरलम् । ऋ+ए | ऋए १-२-२२ हस्वोऽपदेवा। ऋ३. +ए | ऋ३ ए १-२-३२ | प्लुतो ऽ नितौ। ऋ + ए ऋ ए १-२-३६ | चादिःस्वरोऽनाङ्।
ऋ+ए